गाजियाबाद पर लेख लिखिए
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ग़ाज़ियाबाद उत्तर प्रदेश का एक औद्योगिक जिला है। नगर का नाम ग़ाज़ी-उद्-दीन के नाम पर पडा़ है। बाद में इसका नाम ग़ाज़ियाबाद हो गया जो प्रयोग में छोटा और सरल था। यहाँ भारत इलेक्ट्रोनिक्स लि० तथा अग्रिम स्तरीय दूरसंचार प्रशिक्षण केन्द्र (ALTTC) स्थित है। यह प्रमुख नगरीय क्षेत्र होने के नाते अच्छी तरह से सड़कों और रेल से जुड़ा हुआ है।
हाल ही में एक बडी़ संख्या में शहर में मॉल और मल्टीप्लेक्स खुले हैं। सड़कों को चौड़ा किया जाने के साथ जगह जगह पर उड़नपुलों का निर्माण और सुधार किया जा रहा है, तथा शीघ्र ही दिल्ली मेट्रो नेटवर्क से जुड़ने वाला है। इनके कारण इसे न्यूज़वीक इंटरनेशनल ने 2006 के लिए दुनिया के 10 सबसे प्रगतिशील शहरों में शामिल किया था।
इतिहास संपादित करें
सन १७४० में सम्राट, ग़ाज़ी-उद्-दीन द्वारा बसाये गये इस शहर को इसके संस्थापक ग़ाज़ी-उद्-दीन द्वारा ग़ाज़ीउद्दीननगर नाम दिया गया। उसने शहर में एक विशाल ढांचे का निर्माण करवाया जिसमे 120 कमरे और इंगित मेहराबें थीं। अब इस निर्माण का सिर्फ् कुछ हिस्सा ही बचा है, जिसमे फाटक, चार दीवारी के कुछ भाग और चौदह फ़ीट ऊँचा एक विशाल स्तंभ। अब इस परिसर का प्रयोग लोगों द्वारा रिहाइश के लिये किया जा रहा है। ग़ाज़ी-उद्-दीन का मकबरा अभी भी शहर में मौजूद है, लेकिन संरक्षण की स्थिति बहुत बुरी है।
1857-58 के भारतीय विद्रोह, के दौरान ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की बंगाल सेना के भारतीय सैनिकों के विद्रोह से शुरु हुई, लड़ाई जो बाद में ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक व्यापक विद्रोह में परिणित हो गयी उसी दौरान यह सबसे अधिक उद्देलित स्थानों में से एक बना। हिन्डन नदी पर क़ब्जा़ करने की कोशिश कर रहे स्वतंत्रता सेनानीं एक मुठभेड़ में यहाँ ब्रिटिश सेना की एक छोटी टुकडी़ से हार गये। इस आजादी की पहली लड़ाई ने ग़ाज़ियाबाद को राष्ट्र की मुख्य धारा में ला दिया।
ऐतिहासिक, पौराणिक, सांस्कृतिक और पुरातात्विक दृष्टि से ग़ाज़ियाबाद एक समृद्ध शहर है। यह ज़िले में हुये शोध कार्य और खुदाई से साबित हुआ है। हिन्डन नदी के किनारे कसेरी की खुदाई में जो, मोहन नगर से २ किमी उत्तर में स्थित है, से यह साबित हुआ है कि यहाँ 2500 ई.पू. में सभ्यता विकसित हुई थी।