(ग) कवि के अनुसार मानव कब मर जाएगा? गति रुकने का क्या आशय है?
(घ) 'यौवन कहता है-बढ़े चलो, सोचो मत क्या होगा चलकर'-पंक्ति क्या संदेश देती है?
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ग) जिस दिन मानव की क्रियाशीलता थम जाएगी। उसकी संघर्षों से लड़ने की इच्छा भी समाप्त हो जाएगी। वह हताश और निराश रहने लगेगा और यही से उसकी दुर्दशा के दिन शुरू हो जाएगे और अंत में वह इन दुर्दिन की घड़ियों को गिन-गिनकर मर जाएगा। इस प्रकार गतिशीलता द्वारा कवि ने जीवन के सत्य को स्पष्ट किया है।
घर) यौवन भी हमें सदैव गतिशील रहने के लिए प्रेरित करता है। झरना और यौवन कहते हैं की निरंतर चलते रहो, आगे बढ़ते रहो सोचो मत कि आगे क्या होगा। परिणाम की चिंता किये वगैर अपना कर्म करते रहो।
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