Hindi, asked by sanchit1926, 4 months ago

(ग)
खंड-घ
1. निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत-बिंदुओं के आधार पर 80 से 100 शब्दों में अनुच्छेद
(i) अनुशासन का महत्त्व
संकेत बिंदु : • अनुशासन सफलता की कुंजी है • अनुशासनबद्ध प्रकृति • समाज में अनुशासने ।
(ii) प्रकृति हमारी धरोहर है
संकेत बिंदु : • प्रकृति ईश्वर का अमूल्य उपहार • संसाधनों का भंडार • प्रकृति संरक्षण हमारा
(iii) नई सदी का नया भारत
संकेत बिंदु: । इक्कीसवीं सदी का भारत • आधुनिकता की तस्वीर • सुखी एवं मायू

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Answered by vars6905
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Answer:

अनुशासन क्यों? <br> "उत्तम स्वास्थ्य का आनन्द पाने के लिए, परिवार में खुशी लाने के लिए और सबको शान्ति प्रदान करने के लिए सबसे पहले अनुशासित बनने और अपने मस्तिष्क पर नियन्त्रण प्राप्त करने की आवश्यकता है।" भगवान बुद्ध द्वारा सम्पूर्ण जगत को दिए गए इस सन्देश में अनुशासन को महिमा मण्डित किया गया है। .अनुशासन. शब्द .शासन. में .अनु. उपसर्ग के जुड़ने से बना है, इस तरह अनुशासन का शाब्दिक अर्थ है-शासन के पीछे चलना। प्रायः माता-पिता एवं गुरुजनों के आदेशानुसार चलना ही अनुशासन कहलाता है, किन्तु यह अनुशासन के अर्थ को सीमित करने जैसा है। व्यापक रूप से देखा जाए, तो स्वशासन अर्थात् आवश्यकतानुरूप स्वयं को नियन्त्रण में रखना भी अनुशासन ही है। अनुशासन के व्यापक अर्थ में, शासकीय कानून के पालन से लेकर सामाजिक मान्यताओं का सम्मान करना ही नहीं, बल्कि स्वस्थ रहने के लिए, स्वास्थ्य, नियमों का पालन करना भी सम्मिलित है। <br> इस तरह, सामान्य एवं व्यावहारिक रूप से व्यक्ति जहाँ रहता है। वहाँ के नियम, कानून एवं सामाजिक मान्यताओं के अनुरूप आचरण एवं व्यवहार करना ही अनुशासन कहलाता है। यदि कहीं अनुशासनहीनता व्याप्त है, तो कही-न-कहीं इसमें अच्छे शासन का अभाव भी ज़िम्मेदार होता है। यदि परिवार के मुखिया का शासन सही नहीं है। तो परिवार में अव्यवस्था व्याप्त रहेगी। यदि किसी स्थान का प्रशासन सही नहीं है तो वहाँ अपराध का ग्राफ स्वाभाविक रूप से ऊपर ही रहेगा। यदि राजनेता कानून का पालन नहीं करेंगे, तो जनता से इसके पालन की उम्मीद नहीं की जा सकती। यदि खेल के मैदान में कैप्टन अनुशासित नहीं रहेगा तो टीम के अन्य सदस्यों से अनुशासन की आशा करना व्यर्थ है और यदि टीम अनुशासित नहीं है, तो उसकी पराजय से उसे कोई नहीं बचा सकता है। इसी तरह, यदि देश की सीमा पर तैनात सैनिकों का कैप्टन अनुशासित न हो, तो उसकी सैन्य टुकड़ी कभी अनुशासित नहीं रह सकती। परिणामस्वरूप देश की सुरक्षा निश्चित रूप से खतरे में पड़ जाएगी। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के शब्दों में, "अनुशासन के बिना न तो परिवार चल सकता है और न संस्था न राष्ट्र ही" सचमुच यदि कर्मचारोगण अनुशासित न हो, तो वहाँ भ्रष्टाचार का बोल-बोला हो जाता। अनुशासन के अभाव में किसी भी समाज में अराजकता व्याप्त हो जाती है। अतः अनुशासन किसी भी समाज की मूलभूत आवश्यकता है। अनुशासन न केवल व्यक्तिगत हित बल्कि सामाजिक हित के दृष्टिकोण से भी अनिवार्य है।

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