गोनू झा ने व्यापारी का राज कैसे खोला ?
Answers
O गोनू झा ने व्यापारी का राज कैसे खोला?
► गोनू झा ने व्यापारी का राज करने के लिए एक तरकीब अपनाई। जब राज दरबार में व्यापारी संदूक लेकर पहुंचा और राजा को बोला कि आपके दरबार में कोई भी ज्ञानी व्यक्ति यदि यह बता देगा कि मेरे संदूक में क्या है, तो मैं आपके यहां चाकरी करने को तैयार हूँ। व्यापारी ने यह भी कहा था कि मैं बिना बीज और पानी के पेड़ उगाता हूँ, इससे गोनू झा को थोड़ा-थोड़ा अंदाजा हो गया था कि व्यापारी की संदूक में क्या हो सकता है।
गोनू झा ने व्यापारी के सवाल का जवाब देने के लिए एक रात की अनुमति मांगी और यह शर्त रखी कि रात भर व्यापारी उनके यहाँ ठहरेगा। सुरक्षा का भी पर्याप्त बंदोबस्त किया गया था ताकि संदूक बदल ना जाए। व्यापारी गोनू झा के यहाँ ठहरा। गोनू झा ने रात भर व्यापारी से गपशप की और बातों बातों में व्यापारी से यह पूछ लिया कि यदि बिना बीज-पानी के पेड़ उगाते हो, तो आपके पेड़ में तरह-तरह के फूल भी खिलते होंगे और वह भी रात में, क्या आप रात में पेड़ लगाकर तरह-तरह के फूल खिला सकते हैं।
व्यापारी अहंकार में आकर बोला, क्यों नहीं मेरे पेड़ में तो रात में ही फूल अच्छे लगते हैं और उनमें रंग बिरंगे फूल देखते ही बनते हैं। इस तरह गोनू झा को अंदाजा हो गया था कि व्यापारी के संदूक में आतिशबाजी है, क्योंकि आतिशबाजी को जलाने पर ही रात में रोशनी होती है और रंग बिरंगे फूलों जैसा नजारा होता है। इस तरह गोनू झा ने व्यापारी का राज जान लिया और अगले दिन सुबह राज दरबार में एक आतिशबाजी चलाकर महाराज को बता दिया कि व्यापारि के संदूक में आतिशबाजी है।
○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○
Answer
गोनू झा ने व्यापारी का राज करने के लिए एक तरकीब अपनाई। जब राज दरबार में व्यापारी संदूक लेकर पहुंचा और राजा को बोला कि आपके दरबार में कोई भी ज्ञानी व्यक्ति यदि यह बता देगा कि मेरे संदूक में क्या है, तो मैं आपके यहां चाकरी करने को तैयार हूँ। व्यापारी ने यह भी कहा था कि मैं बिना बीज और पानी के पेड़ उगाता हूँ, इससे गोनू झा को थोड़ा-थोड़ा अंदाजा हो गया था कि व्यापारी की संदूक में क्या हो सकता है।
गोनू झा ने व्यापारी के सवाल का जवाब देने के लिए एक रात की अनुमति मांगी और यह शर्त रखी कि रात भर व्यापारी उनके यहाँ ठहरेगा। सुरक्षा का भी पर्याप्त बंदोबस्त किया गया था ताकि संदूक बदल ना जाए। व्यापारी गोनू झा के यहाँ ठहरा। गोनू झा ने रात भर व्यापारी से गपशप की और बातों बातों में व्यापारी से यह पूछ लिया कि यदि बिना बीज-पानी के पेड़ उगाते हो, तो आपके पेड़ में तरह-तरह के फूल भी खिलते होंगे और वह भी रात में, क्या आप रात में पेड़ लगाकर तरह-तरह के फूल खिला सकते हैं।
hope it helps u