Hindi, asked by nushki15, 11 months ago

गिन्नी का सोना पाठ के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए कि आदर्शवादिता और व्यवहारिकता इनमें से जिवन में किसका महत्व है तथा कैसे?

Answers

Answered by dangerouskudi017
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गांधीजी व्यवहारिकता को पहचानते थे इसलिए वे अपने विलक्षण आदर्श चला सकें किन्तु गांधीजी ने कभी व्यवहारिकता के लिए आदर्शो का परित्याग नही किया । वे कभी आदर्श को व्यवहारिकता के स्तर पर उतारने नही देते थे । बल्कि व्यवहारिकता को आदर्शो के स्तर पर बढ़ाते थे वे सोने मैं ताम्बा नही बल्कि ताम्बे मैं सोना मिलाते थे । इसलिए व्यहार में सदैव सोना आगे चलता है ।

Answered by XxMissPaglixX
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