Hindi, asked by harshsenharshsen9, 2 months ago

गुणा गुणज्ञेषु गुणा भवन्ति
ते निर्गुणं प्राप्य भवन्ति दोषाः 1
सुस्वादुतोयाः प्रभवन्ति नद्यः
समुद्रमासाद्य भवन्त्यपेयाः ।।1।। Hindi anuvad Hindi anuvad

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Answered by visheshjawre
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Explanation:

इसका अर्थ है कि अच्छे व्यक्ति उस नदी के समान हैं, जो नदी पर्वतों से निकलती है, जिसका जल स्वादिष्ट होता है, जिसे सभी पसन्द करते हैं; परन्तु जब वही नदी समुद्र में जाकर मिल जाती है, तो उसका जल खारा हो जाता है, फ़िर उसके जल को कोई पसन्द नहीं करता।

इसका भावार्थ है कि हमारे अच्छे गुण तब तक अच्छे रहते हैं, जब तक हम अच्छे लोगों की संगति में रहते हैं।

जैसे ही हम बुरे लोगों की संगति में चले जाते हैं, वैसे ही हमारे सद्गुण भी दुर्गुण में बदल जाते हैं।

फ़िर हमें भी कोई पसन्द नहीं करता है।

इसीलिए हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम अच्छे लोगों की संगति में रहें, ताकि हमारे गुण अच्छे बने रहें, ताकि हमारी पहचान अच्छी बनी रहे।

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