Social Sciences, asked by Pavan9857, 10 months ago

गुप्तकालीन समाज पर एक लेख लिखिए।

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Answered by nivabora539
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Answer:

गुप्तकालीन भारतीय समाज परंपरागत 4 जातियों -

ब्राह्मण,

क्षत्रिय,

वैश्य एवं

शूद्र में विभाजित था।

कौटिल्य ने अर्थशास्त्र में तथा वराहमिहिर ने वृहतसंहिता में चारों वर्णो के लिए अलग अलग बस्तियों का विधान किया है।

न्याय संहिताओं में यह उल्लेख मिलता है कि ब्राह्मण की परीक्षा तुला से, क्षत्रिय की परीक्षा अग्नि से, वैश्य की परीक्षा जल से तथा शूद्र की विषय से की जानी चाहिए। पहले की तरह ब्राह्मणों का इस समय भी समाज में सर्वोच्च स्थान प्राप्त था। गुप्त काल में जाति प्रथा उतनी जटिल नहीं रह गई थी जितनी परवर्ती कालों। ब्राह्मणों ने अन्य जातियों के व्यवसायों को अपनाना आरम्भ कर दिया था।

Answered by Anonymous
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Explanation:

गुप्तकालीन समाज व्यवस्था की झांकी पुराणों, स्मृति-ग्रन्थों व अभिलेखों से प्राप्त होती है।

  • भारतीय समाज की प्रारम्भिक व्यवस्था चार वर्णों पर आधारित थी- ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य व शूद्र।
  • प्रारम्भ में इसका आधार कर्म था लेकिन धीरे-धीरे यह जन्म पर आधारित हो गयी। मनुस्मृति के समय तक इसका स्वरूप कठोर हो गया था।

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