गोपियों का कृष्ण के प्रति अनन्य प्रेम प्रेम की पराकाष्ठा को जगाता है इस संदर्भ में अपने विचार प्रकट कीजिए और तर्क सहित उत्तर दीजिए लगभग 200 से ढाई सौ शब्द
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गोपियों का भगवान श्री कृष्ण के प्रति अनन्य प्रेम की प्रकाष्ठा को इस संदर्भ में बताता है कि वह भगवान श्री कृष्ण को प्रेम के रूप में मानती है और उन्हीं को अपना सर्वस्व मानती है भगवान श्रीकृष्ण जगत के पालनहार है उन्होंने उन्होंने माना है कि जिस प्रकार पति परमेश्वर सर्वस्वय होता है उसी प्रकार भगवान श्रीकृष्ण भी उनके लिए सर्वस्व है वह उनका उद्धार करेंगे और उनको इस भवसागर रुपी जगत से पार करेंगे और उनको परमात्मा से आत्मा का मिलन कराएंगे इसी प्रकार वह अनन्य रूप में भगवान श्रीकृष्ण से प्रेम करती है गोपियां सब कुछ जानते भी भगवान श्रीकृष्ण की जो भी गलतियां हैं उसे अनदेखी करती है और उद्धव के द्वारा समझाएं जाने पर भी वह गोपियां भगवान श्री कृष्ण के प्रति इतनी अनुरक्त हो जाती है कि वह सब कुछ अपना भगवान श्रीकृष्ण में ही मानती है और जो कुछ भी है वह भगवान श्री कृष्ण के लिए ही है ऐसा गोपियों मानती है इसीलिए गोपियों का भगवान श्री कृष्ण के प्रति अनन्य प्रेम की प्रकाश था एक विचित्र प्रकार की है जो हमें बताती हैं