Hindi, asked by sharanpreet2400, 6 months ago

गोपियां कब - कब श्री कृष्ण जी को निहारती है?
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Answered by aditya120411kumar
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Answer:

श्री कृष्ण को गोदी में लिए और घेरे ये जो औरते है वो सभी की सभी उनकी माँ बहने नहीं बल्कि गोपिया है, जी हाँ लेकिन गन्दी दृष्टि के लोग अगर इस रिश्ते में कुछ गलत देखते है तो ये उनकी भूल है आप किसी संदेह में न रहे. राधा कृष्ण और गोपियों के प्रेम को समझना है तो जाने ऐसे ऐसे तथ्य और घटनाक्रम जो आपकी सोच बदल देंगे.

कुछ 6 साल के हुए थे तब श्री कृष्ण ने घर से निकलना शुरू किया था और ग्वाल बालो के संग उन्होंने गाये चराने शुरू की थी उसी दिन को गोपष्ठमी के नाम से जानते है हम सभी. अन्तःकरण में तो राधा समेत कुछ गोपियों को और श्री कृष्ण को पता था की उनका असली स्वरुप क्या है लेकिन बाकीयो को नहीं.

भेद चाल संसार है ऐसे ही वृन्दावन की सभी गोपिया श्री कृष्ण की दीवानी हो गई और उनसे प्रेम करने लगी हालाँकि उनका ये प्रेम बे मेल था लेकिन स्वच्छ था. श्री कृष्ण गाये चराकर लौटते तो गोपिया उन्हें निहारती और सोचती के कब वो समय आएगा जब कृष्ण हमपे कृपा करेंगे और गोलोक की रासलीला यंहा पृथ्वी पर शुरू करेंगे.

इसी बिच कृष्ण ने मटकिया फोड़ना माखन चुराना शुरू कर दिया था, इसलिए गोपियों ने तब दैवीशक्ति की श्राद्धीय नवरात्र में पूजा आरम्भ कीगोपिया रोज सुबह यमुना में नहाकर माँ शक्ति की पार्थिव मूर्ति बनाकर उसकी पूजा करती उनसे वर में श्री कृष्ण का सत्संग मांगती थी. लेकिन गोपिया यमुना में भले ही अँधेरे में नहाती थी लेकिन वो नग्न नहाती थी जो की शाश्त्र विपरीत था इसलिए एक दिन श्रीकृष्ण ने अपने बाल मित्रो के साथ उनके वस्त्र चुरा लिए.

गोपियों से वरुण देव से क्षमा मंगाई तो गोपियों ने कृष्ण से ही क्षमा मांग ली तब कृष्ण ने उन्हें आगामी शरद पूर्णिमा के दिन उनकी अभिलाषा पूर्ण करने का वचन दिया.उसदिन नवमी थी और स्नान के बाद जब गोपियों ने पूजा संपन्न की तो कृष्ण ने कात्यायनी के रूप में गोपियों को दर्शन दिए और उन्हें मनचाहा वरदान दिया. इसका एक अर्थ ये भी है की रासलीला के समय श्री कृष्ण की उम्र थी सिर्फ 8 वर्ष और राधा जी भी उनसे चार साल बड़ी थी.

रासलीला के दिन रात में समय रुक गया था जो की धरती की गणना के अनुसार 8.5 अरब वर्ष तक रुका रहा और रास होता रहा जिसमे शिव जी ने भी भाग लिया. इस दौरान श्री कृष्ण ने अनेको रूप धरे थे जो की व्यसक रूप में अवतरित हुए थे और इस रासलीला में सिर्फ नृत्य और उल्लास था जैसे हम अपने पुरुष मित्रो के साथ खेलते है ये भी कुछ ऐसा ही था.

असल में सृष्टि के आदि से गोलोक जो की वैकुण्ठ से भी ऊपर स्तिथ है वंहा कृष्ण गोपियों संग रास करते ही रहते है और श्रीदामा और राधा के एक दूसरे के श्राप के चलते वो धरती पर आये थे और यंहा भी उन्होंने रास किया जो की वृन्दावनकी धरा के लिए एक वरदान था.

राधा ने कृष्ण के मथुरा जाने के बाद अपनी छाया (जैसे सीता और सती ने अपनी छाया छोड़ी थी) अपने घर छोड़ दी और खुद वृन्दावन में ही रहने लगी थी वंही 100 वर्षो का विरह श्राप झेला था. राधा की छाया ने रायण नाम के एक ग्वाल जो की कृष्ण का ही अंश था से विवाह किया था बाकि गोपियों ने भी किया था लेकिन वो कृष्ण के प्रेम में आजीवन पागल ही रही.

111 साल के हो जाने पर कृष्ण लौटे तो गोपियों समेत असली राधा के संग बालरूप में यशोदा के पास गए थे जंहा उनका स्वागत हुआ उसके बाद सभी गोलोक पधार गई कृष्ण सोम क्षेत्र में प्राण छोड़ लौटे थे. अब इसमें कुछ गलत है क्या क्या 8 वर्ष के बालक पर रासलीला जो आज समझी जाती है आरोप लगाना उचित है.

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