गुरु गोविन्द गिरी ने जन जागरण हेतु क्या किया?
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राव गोपालसिंह खरवा (1872–1939), राजपुताना की खरवा रियासत ... घर पर उन्होंने संस्कृत,हिंदी,अंग्रेजी,इतिहास, राजनीती व वेदांतरास्ता पाल के नाना भाई खांट भी इस सभा में उपस्थित थे ..... को घसीटरहे थे इस पर कालीबाई ने पुलिस वालों की परवाह19 जून भील बालिका कालीबाई का बलिदान दिवस पर शत शत नमन 15 अगस्त ... राजस्थान की एक रियासत डूंगरपुर के महारावल चाहते
गुरु गोविंद गिरी राजस्थान के एक बहुत बड़े समाज सुधारक थे। उन्होंने आदिवासियों के कल्याण के लिए बहुत सराहनीय कार्य किए थे। वह राजस्थान में बागड़ प्रदेश के भीलों के पहले उद्धारक थे। गुरु गोविंद गिरी ने ही संप सभा की स्थापना की थी। इस सभा के द्वारा उन्होंने आदिवासी भीलों में जागरूकता हेतु समाज सुधार व धर्म सुधार आंदोलन चलाया। गोविंद गुरु गोविंद गिरी के नेतृत्व में ही दक्षिणी राजस्थान में आदिवासी क्षेत्र में क्रांति आंदोलन का आरंभ हुआ था और इस आंदोलन को भगत आंदोलन के नाम से पुकारा गया।
गुरु गोविंद गिरी ने दक्षिण राजस्थान, गुजरात और मालवा के सारे भीलों को संगठित किया। उन्होंने भीलों में जागरूकता लाने का प्रयास किया और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के भरपूर प्रयास किया। उन्होंने भीलों में व्याप्त बुराइयों को समाप्त करने के लिए काफी प्रयास किया।
1913 में बांसवाड़ा की मानगढ़ पहाड़ी पर जब सभी भील भाई गुरु गोविंद गिरी के नेतृत्व में धार्मिक, सामाजिक तथा राष्ट्रीय कार्यक्रम में व्यस्त थे, उसी समय अंग्रेजों ने उन पर अंधाधुंध गोलीबारी बरसा दी, जिसमें सैकड़ों भील मारे गए। यह हत्याकांड जलियांवाला बाग हत्याकांड से भी जघन्य था। इसकी प्रतिक्रिया के फलस्वरूप उस क्षेत्र के सारे भीलों में राष्ट्रीय चेतना उत्पन्न हो गई थी।