गुरु गोविंद सिंह जी ने अपनी अंतिम लड़ाई खिदराना में लड़ी जिसको आजकल श्री मुक्तसर साहिब कहा जाता है । it is true Or false.
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खिदराने की ढाब की कहानी: गुरू गोविंद सिंह की फौज ने मुगलों काे भागने पर मजबूर कर दिया था, अब मुक्तसर के नाम से जाना जाता
10 महीने पहले
खिदराने की ढाब की कहानी: गुरू गोविंद सिंह की फौज ने मुगलों काे भागने पर मजबूर कर दिया था, अब मुक्तसर के नाम से जाना जाता|बठिंडा,Bathinda - Dainik Bhaskar
मुक्तसर का गुरुद्वारा टुट्टी गंढी साहिब, जिसका इतिहास मुक्तसर के नामकरण से जुड़ी हुआ है।
21वीं तिथि बैसाख 1762 विक्रमी संवत को लड़ी गई थी ऐतिहासिक लड़ाई, आनंदपुर साहिब में 40 सैनिकों ने गुरूजी का साथ छोड़ दिया था
वापस युद्ध के मैदान में लौटकर खिदराने की ढाब पर हुए थे शहीद, भाई महा सिंह की विनती पर गुरूजी ने फाड़ दिया था बेदावा
मुक्त कर देने की परंपरा के नाम पर पहले मुक्तिसर, फिर मुक्तसर और श्री मुक्तसर साहिब के नाम से जाना जाता है इस जगह को
7 नवंबर 1995 को तत्कालीन मुख्यमंत्री हरचरण सिंह बराड़ ने किया था मुक्तसर को जिले बनाने का ऐलान