Hindi, asked by okbhailog, 4 months ago

गुरूजी की फटकार से रोता हुआ बालक भोलानाथ यकायक चुप कैसे हो गया ?​

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Answered by rv49938
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उत्तर : गुरुजी ने मूसन तिवारी को चिढ़ाने की सजा दी। पिताजी को पता चला तो पाठशाला आए। गोद में उठाकर पुचकारन दुलारने लगे। भोलानाथ ने रोते-रोते पिताजी का कन्धा आँसुओं से तर कर दिया। पिताजी बालक को गुरुजी से चिरोरी कर घर ले जा रहे थे। रास्ते में साथियों का झुण्ड मिल गया। वे जोर-जोर से नाच-गा रहे थे-

माई पकाई गरर-गरर पूआ,

हम खाइब पूआ,

ना खेलब जुआ।

बालक भोलानाथ उन्हें देखकर रोना-धोना यकायक भूल गया और हठ करके बाबूजी की गोद से उतर गया और लड़कों की मण्डली में मिलकर वही तान-सुर अलापने लगा।

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