गिरि का गौरव गाकर झर-झर
मद में नस-नस उत्तेजित कर
मोती की लड़ियों-से सुंदर
झरते हैं झाग भरे निर्झर!
गिरिवर के उर से उठ-उठ कर
उच्चाकांक्षाओं से तरुवर
हैं झाँक रहे नीरव नभ पर
अनिमेष, अटल कुछ चिंतापर।
(i) किसे 'गिरि का गौरव गाने वाला' कहा गया है?
(क) पर्वत पर खिलने वाले फूलों को
(ख) पर्वत पर खड़े वृक्षों को
(ग) पर्वत की ऊँची-ऊँची चोटियों को
(घ) पर्वत से झरने वाले झरनों को
(ii) झरने क्या कर रहे हैं?
(क) बहुत ऊँचाई से गिर रहे हैं
(ख) मोती की लड़ियाँ बना रहे हैं
(ग) पर्वतों का यश गान कर रहे हैं
(घ) दृश्य को सुंदर बना रहे हैं
(iii) वृक्ष आकाश की ओर देख रहे हैं-
(क) एकटक, प्रसन्न, अटल रहकर
(ख) प्रसन्न, अटल, चिंतित रहकर
(ग) एकटक, अटल, चिंतित रहकर
(घ) चिंतित, उत्साहित, एकटक रहकर
(iv) 'मद में नस-नस उत्तेजित कर' पंक्ति का भाव है-
(क) इनका सौंदर्य तन-मन में उल्लास, उमंग और स्फूर्ति का संचार कर देता है
(ख) इनका सौंदर्य मादक और मस्त है (ग) इनका सौंदर्य उत्तेजना उत्पन्न करने वाला है
(घ) उपर्युक्त सभी
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निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य में प्रयोग कर लिखिए पहला हवा में ताज उड़ना दूसरा चेहरा लिखी लूटना आंसर दीजिए
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Answer:
(I) D parvat se jharne Wale jharno ko
(ii) B Moti ki ladiyon ki tarah
(iii) A ekTak Prasanna atal rahakar
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