Political Science, asked by druva4181, 1 year ago

ग्राम कचहरी पर एक टिप्पणी लिखें ।

Answers

Answered by janhvi71
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GOOD NIGHT EVERYONE

Answered by Shubhamdash99
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Answer:

भारत गॉँवों का देश है। देश की अधिकांश जनता गॉँवों में बसती है। ग्रामवासी अशिक्षा एवं गरीबी के शिकार हैं। ग्रामीण विकास हेतु सरकार कटिबध्द है। ग्राम वासियों का सुलभ एवं सस्ता न्याय प्रदान करने हेतु बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 के तहत ग्राम कचहरी की स्थापना का प्रावधान किया गया है।

इसके तहत मुख्य उद्देश्य यह है कि ग्राम वासियों को अपने विश्वास एवं वोट से चुने गये जन प्रतिनिधियों के द्वारा उनके दरवाजे पर ही अगर कोई विवाद उत्पन्न होता है, तो बिना किसी उलझन एवं परेशानी के, बिना किसी अनावश्यक खर्च के न्याय प्राप्त हो सके। राष्ट्रपिता महात्मा गॉँघी ने यह सपना संजोया था।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद-40 में यह वर्णित है कि राज्य सरकार पंचायत का गठन करेगी एवं पंचायत को स्वायत्ता इकाई के रूप में कार्य करने हेतु शक्ति एवं अधिकार प्रदान करेगी। संविधान निर्माताओं के इस अभिलाषा को साकार करने हेतु वर्ष 2006 में बिहार पंचायत राज अधिनियम में विशेष व्यवस्था की गई। बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 की धारा-90 के तहत ग्राम कचहरी की स्थापना का प्रावधान है। ग्राम कचहरी के कुल पंचों के कुल स्थानों का 510प्रतिशत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के लिए धारा-91 के तहत आरक्षित किए गए हैं, इसका मुख्य उद्देश्य समाज के दबे, कुचले, उपेक्षित एवे अवसरहीनता के शिकार लोगों को मुख्य धारा में लाना है एवं समाज के अन्तिम पायदान पर बैठे लोगों को यह एहसास दिलाना है कि सरकार में उनकी भागीदारी की अहम भूमिका है। महिलाओं को भी मुख्य धारा से जोड़ने के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है।...

Explanation:

ग्राम कचहरी की अवधि पांच वर्ष तक की होगी । ग्राम कचहरी का सरपंच ग्राम पंचायत की मतदाता सूची में नामांकित मतदाताओं के बहुमत द्वारा चुना जाएगा। सरपंच के साथ-साथ उप सरपंच का भी निर्वाचन होगा, ऐसी व्यवस्था की गई है। सरपंच के पद के लिए कुल पदों के 50 प्रतिशत के निकटतम स्थान आरक्षित किए गए हैं ताकि समाज के उपेक्षित लोगों की भागीदारी मुख्य रूप से हो सके।

ग्राम कचहरी में एक सचिव की नियुक्ति की जाएगी एवं ग्राम कचहरी अपने कर्तव्यों के निर्वहन में सहायता के लिए न्याय मित्र की नियुक्ति करेगा, जो विधि स्नातक होंगे। सरपंच, उप-सरपंच एवं पंचों को सरकार की ओर से प्रशिक्षण की व्यवस्था धारा-94 के तहत की जाएगी।

सरपंच ग्राम कचहरी का अध्यक्ष होगा। किसी भी व्यक्ति के आवेदन एवं पुलिस रिपोर्ट पर केस एवं मामला दर्ज होगा। ग्राम कचहरी पक्षकार एवं गवाह की उपस्थिति उसी तरीके से करायेगा, जिस तरीके से न्यायालय करती है।

सरपंच तथा उप-सरपंच को तथाकथित अनियमितता बरतने पर हटाये जाने का भी प्रावधान है ताकि परिस्थिति विशेष में वे निरंकुश न हो जायें एवं कानून की मान्यताओं के खिलाफ कार्य करना शुरू न कर दें। अविश्वास प्रस्ताव द्वारा भी सरपंच को हटाने का प्रावधान धारा-96 में किया गया है। ग्राम कचहरी का कोई भी पंच अपने पद का त्याग कर सकता है। आकस्मिक रिक्ति को भी पूरा किए जाने को प्रावधान है।

कोई भी केस या मामला सरपंच के समक्ष दायर किया जाएगा एवं संबंधित पक्षकार को भी ग्राम कचहरी के पंचों में से दो पंच चुनने का अधिकार है ऐसी व्यवस्था इसलिए की गई है कि अपने चुने गये पंच के माध्यम से न्याय की प्राप्ति हो सकें एवं न्यायिक प्रक्रिया में ग्राम वासियों की आस्था बनी रहें।

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