ग्रामीण जीवन शैली को दर्शाते हुए एक चित्र बनाएं और 80 से 100 शब्द लिखें
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Answer: हमारे भारत को गांवों का देश कहा जाता है। भारत की अस्सी प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है। गांवों के लोगों का जीवन नगरो में रहने वाले लोगों से बिलकुल अलग होता है। गाँव के लोग भोले होते हैं। वे कड़ी मेहनत और परिश्रम करके दूसरों के पेट भरने के लिए अनाज उगाते हैं।
वे कई शताब्दियों से परंपराओं के आधार पर अपना जीवन जीते आ रहे हैं लेकिन हमारे गाँव शिवपुरा में लोग सामाजिक संबंध व्यवस्था, भाईचारे और सहयोग के साथ अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। गांवों में हमे भारतीय संस्क्रति के दर्शन करने को मिलते हैं।
गाँव की स्थिति : हमारा गाँव जमुना के तट पर स्थित है। करनाल के बीस किलोमीटर की दूरी पर बसा एक गाँव हैं शिवपुरा यह हमारा गाँव है। मुख्य सडक से गाँव तक की पक्की लिंक रोड है। सड़कों के दोनों ओर छायादार वृक्ष लगे हुए हैं। गाँव में घुसते ही वहाँ पर एक सुंदर तालाब है।
तालाब को पक्के घाट से बनाया गया है। तालाब का दूसरा सिरा खेतों से लगा हुआ है। तालाब का पानी साफ और स्वच्छ है। तालाब की दूसरी दिशा में पंचायत घर है। हमारे गाँव में बनी सारी नालियां पक्की हैं। हमारे गाँव में बिजली और पीने के पानी की अच्छी व्यवस्था है। यहाँ पर लगभग चार सौ परिवार रहते हैं।
गाँव के लोगों का व्यवसाय : हमारे गाँव के लोगों का व्यवसाय कृषि करना और पशुपालन करना है। हमारे गाँव के किसान आधुनिक ढंग से बनाए गये कृषि के यंत्रों का प्रयोग करते हैं। हमारे गाँव में बैलों की जगह पर ट्रैक्टरों का प्रयोग किया जाता है। अच्छे किस्म के बीजों को प्रयोग में लाया जाता है।
खाद का प्रयोग आवश्यकतानुसार ही किया जाता है। हमारे गाँव में अच्छी नस्लों वाली भैसों और गायों का पालन किया जाता है। हमारे गांव के किसान दूध बेचकर अच्छा धन कमाते हैं। हमारे गाँव में गेंहूँ, चावल, गन्ना, ज्वार, बाजरा सरसों और मक्का की खेती की जाती है।
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