Hindi, asked by dhappoprajapati, 6 months ago

ग्रामीण समुदाय की विशेषताएं लिखिए​

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Answered by ayushisagar1000
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ग्रामीण समुदाय की विशेषता

ग्रामीण समुदाय की कुछ ऐसी विशेषता होती है जो अन्य समुदाय में नाहीं पाई जाती। ग्रामीण समुदाय में पाए जाने वाला प्रत्येक दिन कुछ विशेष प्रकार होता है जो आज भी कुछ सीमा तक नगर समुदाय से भीन्न है।

ग्रामीण समुदाय की विशेषता निम्नलिखित है:-

1. कृषि व्यवसाय:- ग्रामीण अंचल में रहने वाले अधिकाधिक वासियो का खेती योग्य जमीन पर स्वामित्व होता है , खरती करना या करना उन्हें उनके परिवार के वयोवृद्ध से प्राप्त होता है। यधपि ग्रामीण क्षेत्र में कुछ ही ऐसे पतिवार होते है जिनके पास कृषि योग्य भूमि नही होती वो लोहार सोनारी जैसे छोटे धंधे करते हैं।

2. जाति व्यवस्था :- ग्रामीण समुदायकी मुख्य विशेषताओं मे से एक जाति व्यवस्था है। जाति के आधार पर ग्रामीण समाज मे संस्तरण पाया जाता है। जाति एक सामाजिक संस्था और समिति दोनों ही है। जाति की सदस्यता योग्यता के आधार पर नही बल्कि जन्म के आधार पर निर्धारित होती है। प्रत्येक जाति का एक परम्परागत व्यवसाय होता है। जाति के सदस्य अपनी ही जाति मे विवाह करते हैं।

3. संयुक्त परिवार का होना :-ग्रामीण समुदाय में संयुक्त परिवारों की प्रधानता पाई जाती है, यहां एकल परिवारों का आभाव होता है। ग्रामीण समाज मे ऐसी परिवार पाई जाते है जिनमें तीन या अधिक पीढ़ियों के सदस्य एक स्थान पर रहते है। इनका भोजन, सम्पत्ति और पूजा-पाठ साथ-साथ होता है। ऐसे परिवारों का संचालन परिवार के सबसे बड़े व्यक्ति द्वारा होता है।

4. जनसंख्या का कम घनत्व

ग्रामों में नगर की तुलना मे जनसंख्या का घनत्व बहुत ही कम होता है।

5. प्रकृति के समीप

ग्रामीण समुदाय का कृषि मुख्य व्यवसाय होने के कारण ग्रामीण समाज प्रकृति के समीप होता है।

6. भाग्यवादीता

भारतीय गाँवों के निवासियों मे शिक्षा का अभाव होता है। अतः वे अन्ध-विश्वासी और भाग्यवादी होता है।

7. सरल व सादा जीवन

भारत के ग्रामवासी सादा जीवन व्यतीत करते है। उनके जीवन मे कृत्रिमता और आडम्बर नही है। उनमें ठगी, चतुरता और धोखेबाजी के स्थान पर सच्चाई, ईमानदारी और अपनत्व की भावना अधिक होती है।

8. सामाजिक समरूपता

जहां नगरों की विशेषता सामाजिक विषमता है वही ग्रामीण समाज की विशेषता सामाजिक समरूपता का होना है। ग्रामीणों के जीवन स्तर में नगरों की भांति जमीन-आसमान का अन्तर नही पाया जाता। सभी लोग एक जैसी भाषा, त्यौहार-उत्सव प्रथाओं और जीवन-विधि का प्रयोग करते है। उनके सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनैतिक जीवन में अनेक अंतर नही पाये जाते है।

9. जनमत का अधिक महत्व

ग्रामवासी जनमत का सम्मान करते और उससे डरते है। वे जनमत की शक्ति को चुनौती नही देते वरन् उसके सम्मुख झुक जाते है। पंच लोग जो कुछ कह देते है उसे वे शिरोधार्य मानते है। पंच के मुंह से निकला वाक्य ईश्वर के मुंह से निकला वाक्य होता है। जनमत की अवहेलना करने वाले की निन्दा की जाती है।

10. आत्म निर्भरता

ग्रामीण समाज मे हर क्षेत्र में आत्म निर्भरता पाई जाती है। चाहें वह आर्थिक हो, सामाजिक हो, सांस्कृतिक हो या राजनैतिक हो। गांव मे जनमानी प्रथा द्वारा जातियां परस्पर एक-दूसरे के आर्थिक हितों की पूर्ति करती है।

Answered by kushwahdeepa21
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