Hindi, asked by Lesliemaddison3080, 1 year ago

ग्रामीण विकास में ई-प्रशासन पर निबंध

Answers

Answered by Anonymous
0

Answer:

Explanation:

भारत गाँवों का देश है और देश की आत्‍मा गाँवों में निवास करती है। हमारे देश की अधिसंख्‍या जनसंख्‍या (72.2%) गांवों में निवास करती है। आज इस वैज्ञानिक युग में भारत में सूचना प्रौद्योगिकी (I.T.) की दिशा में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। 21वीं सदी में संसार में वैश्‍वीकरण, उदारीकरण एवं निजीकरण (L.P.G) का दौर है और ऐसे में हम ग्रामीण विकास (आधा स्‍तर पर) की कार्य प्रणाली में पूराने तौर-तरीकों को अपनाएंगे तो हमारा विकास की मुख्‍य धारा में पिछड़ाना स्‍वाभाविक होगा। ग्रामीण विकास की परिवर्तित परिस्थितियों में राज्‍य के उभरते स्‍वरूप एवं आवश्‍यकता के अनुसार पारदर्शी, उत्तरदायी एवं जवाबदेह शासन एवं प्रशासन होना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्‍यवश विगत 6 दशकों में ऐसा हो नहीं सका है। राजनीति-नौकरशाही-माफिया तंत्र के गठजोड़ ने येन-केन-प्रकारणे आम नागरिकों को उनकी आवश्‍यकात और अपेक्षाओं के अनुरूप प्रशासन उपलब्‍ध नहीं कराया। लालफीताशाही और इंस्‍पेक्‍टर राज ने लोकल्‍याणकारी राज्‍य के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने में बाधाएं ही खड़ी की हैं।

सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में असाधारण विकास ने जहाँ एक ओर संपूर्ण विश्‍व को वैश्‍विक गांव (Global village) का रूप दिया है, वहीं शासन की शैली भी परिवर्तित हुई हैं। ऐसे में ई-प्रशासन प्रशासन को जनता के लिए अनुकूल, पारदर्शी एवं जवाबदेही बनाता है और यह लोकतांत्रिक सरकार की कार्य प्रणाली के प्रत्‍येक स्‍तर पर जनता और प्रशासन केबीच आने वाली समस्‍याओं को दूर करने की दिशा में एक श्रेष्‍ठ विकल्‍प है।  

 

ई-प्रशासन अंग्रेजी के Electronic Governance का लघु रूप है, जिसको शासन की ऐसी प्रणाली से जोड़ा गया है, जिसमें तक सरकारी सेवाएं और सूचनाएं पहुंचाने में विभिन्‍न इलेक्‍ट्रॉनिक विधियों और उपकरणों को काम में लाया जाता है। ई-प्रशासन की सहायता से सरकारी कामकाज में इलेक्‍ट्रॉनिक युक्‍तियों का उपयोग करके शासन को सरल, पारदर्शी, संवेदनशील, उत्तरदायी, जवाबदेही और नैतिकपूर्ण बनाया जा सकता है। ई-प्रशासन सरकारी कामकाजी में पारदर्शिता, दक्षता और नागरिकों के साथ निकटता सुनिश्‍चित करने के उद्देश्‍य की पूर्ति करता है। साधारण अर्थ में यह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की विकसित तकनीकी है, जिसके माध्‍यम के शासन संबंधी कामकाज को सरल, पारदर्शी, दक्षता एवं नागरिकोन्‍मुख बनाया जा सकता है। जैसे-कम्‍प्‍यूटर, इंटरनेट, सीडी, ई-मेल, स्‍कैनिंग आदि।

भारत एक लोककन्‍याणकारी राज्‍य है तथा यहाँ प्रजातंत्र की संघात्‍मक प्रणाली को अपनाया गया है। लोककल्‍याणकारी राज्‍य का प्राथमिक लक्ष्‍य उसमें रह रहे लोगों को अधिकतम हित और सेवा करना होता है। समाज के प्रत्‍येक व्‍यक्‍ति/वर्ग तक सेवाएं उपलब्‍ध कराने के लिए ये सकारात्‍मक राज्‍य स्‍थानीय संस्‍थाओं का सहयोग लेते हैं और ग्रामीण जनता को ये सेवाएं पंचायती राज की त्रिस्‍तरीय व्‍यवस्‍था (ग्राम पंचायत, पंचायत समिति एवं जिला परिषद) के माध्‍यम से प्रदान की जाती हैं,क्‍योंकि ग्रामीण जनता की समस्‍याओं से ये संस्‍थाएं भली प्रकार परिचित होती हैं। वास्‍तव में गांव ही लोकतांत्रिक व्‍यवस्‍था की प्रथम सीढ़ी हैं। ग्रामीण विकास के इस आधार स्‍तर पर लोगों को स्‍वच्‍छ, पारदर्शी, दक्षतायुक्‍त, सरल, ईमानदारीपूर्वक, व्‍वरित गति से न्‍याय मिले इस हेतु सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग आवश्‍यक एवं महत्‍वपूर्ण हो गया है।

ग्रामीण जनता के अशिक्षित, अज्ञान एवं भोलेपन का फायदा उठाकर कार्मिक एवं अधिकारी वर्ग भ्रष्‍टाचार, भाई-भतीजावाद, कार्य में देरी, गलत कार्यों में लिप्‍तता आदि के माध्‍यम से सुशासन से वंचित रखता है। ग्रमीण जनता को भूमि, सड़के, निर्माण कार्यों, वित्तीय व्‍यय, योजनाओं एवं कार्यक्रमों के माध्‍यम से कल्‍याणकारी कार्य, मानवीय विकास के पहलूओं, नीति-निर्माण एवं क्रियान्‍वयन से संबंधित कार्यों में सरलता, खुलापन, संवेदनशीलता एवं उत्तरदायित्‍व का होना नितान्‍त आवश्‍यक है।

ई-प्रशासन के माध्‍यम से ग्रामीण जन न केवल नियम कानून एवं कार्य प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्‍त कर सकते हैं, वरन संरचनात्‍मक-कार्यात्‍मक सुधारों में महत्‍वपूर्ण तरीके से योगदान भी दे सकते हैं।

Answered by Anonymous
0

Answer:

Explanation:

भारत गाँवों का देश है और देश की आत्‍मा गाँवों में निवास करती है। हमारे देश की अधिसंख्‍या जनसंख्‍या (72.2%) गांवों में निवास करती है। आज इस वैज्ञानिक युग में भारत में सूचना प्रौद्योगिकी (I.T.) की दिशा में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। 21वीं सदी में संसार में वैश्‍वीकरण, उदारीकरण एवं निजीकरण (L.P.G) का दौर है और ऐसे में हम ग्रामीण विकास (आधा स्‍तर पर) की कार्य प्रणाली में पूराने तौर-तरीकों को अपनाएंगे तो हमारा विकास की मुख्‍य धारा में पिछड़ाना स्‍वाभाविक होगा। ग्रामीण विकास की परिवर्तित परिस्थितियों में राज्‍य के उभरते स्‍वरूप एवं आवश्‍यकता के अनुसार पारदर्शी, उत्तरदायी एवं जवाबदेह शासन एवं प्रशासन होना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्‍यवश विगत 6 दशकों में ऐसा हो नहीं सका है। राजनीति-नौकरशाही-माफिया तंत्र के गठजोड़ ने येन-केन-प्रकारणे आम नागरिकों को उनकी आवश्‍यकात और अपेक्षाओं के अनुरूप प्रशासन उपलब्‍ध नहीं कराया। लालफीताशाही और इंस्‍पेक्‍टर राज ने लोकल्‍याणकारी राज्‍य के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने में बाधाएं ही खड़ी की हैं।

Similar questions