Social Sciences, asked by vanshanand6961, 10 months ago

गुरुनानक देव का परिचय देते हुए सिख धर्म की प्रमुख शिक्षाओं का वर्णन कीजिए।

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Answered by shishir303
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गुरु नानक सिख धर्म के प्रथम गुरू थे। इनका जन्म 1469 ईस्वी में रावी नदी के किनारे स्थित तलवंडी नामक गांव में हुआ था। गुरु नानक देव के पिता का नाम कालू जी तथा माता का नाम तृप्ता देवी था। गुरु नानक देव जी को बचपन से ही अध्यात्म में रूचि थी और वह सांसारिक विषयों से उदासीन रहते थे। पढ़ने लिखने में भी उनका मन नहीं लगता था और उनका ध्यान भगवत्प्राप्ति के विषय में रहता था। वह अपना अधिकतर समय आध्यात्मिक चिंतन और सत्संग में बिताने लगे। धीरे-धीरे उनकी ख्याति बढ़ने लगी और वह एक संत के रूप में प्रसिद्ध हो गए। वह सब जगह घूम-घूम कर अपने उपदेश देने लगे। उन्होंने भारत के अलावा अन्य कई देशों की यात्राएं की यात्राओं को पंजाबी में ‘उदासियां’ कहा जाता है।

गुरु नानक देव एक ईश्वर में विश्वास रखते थे और ईश्वर के नाम की महानता और उपासना को महत्व देते थे। उन्होंने लोगों को गुरू का महत्व भी समझाया। गुरु नानक देव ने मानव को शुभ करने पर जोर दिया। वह जाति-पाति, ऊंच-नीच के घोर विरोधी थे।  सिख समाज में लंगर प्रथा का प्रचलन गुरु नानक देव ने ही किया था।

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