गुरु और चेला की कहानी
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एक दिन की बात है, “गुरु” अपने चेले के साथ जा रहा था, तभी कुछ दुरी पर एक आदमी मिलता है, वह गुरु को से सवाल करता है लेकिन “गुरु” उसके सवाल को सुनकर कोई जवाब नहीं देते है, क्योकि वह समझ जाते है यह आदमी मुर्ख है, वह आगे बढ़ने लगते है तभी वह आदमी फिर से “गुरु” को बुरा भला कहता है, “चेला” वही पर खड़ा हुआ सब कुछ सुनता है, लेकिन वह सोचता है की गुरु उसकी बात का जवाब क्यों नहीं दे रहे है, उन्हें जवाब देना चाहिए,
अकबर और बीरबल की साथ नयी कहानी
“गुरु” जी ने कुछ नहीं कहा वह आगे चलते जाते है मगर यह बात चेले के मन में चल रही थी, की “गुरु” जी ने उस आदमी को जवाब क्यों नहीं दिया है, वह चेला कुछ दुरी पर जाकर अपने गुरु जी से पूछता है की आपने उस आदमी को क्यों जवाब नहीं दिया है, “गुरु” जी ने कहा की तुम्हे लग रहा होगा की मुझे जवाब देना चाहिए लेकिन क्या तुमने सोचा है की अगर में उस मुर्ख आदमी को जवाब देता तो मुझे क्या मिलता, वह “चेला” कहता है की उसे एक नयी सीख मिलती, “गुरु” जी ने कहा की तुम्हे शायद इस बात का पता नहीं है
बीरबल ने बचाया अकबर को नयी कहानी
वह आदमी मुर्ख है, अगर तुम किसी मुर्ख आदमी को कुछ भी समझाते हो तो तुमहगे उसके बदले में कुछ नहीं मिलता है बल्कि तुम्हे वह बुरा ही कहेगा क्योकि उसको इन सभी बातो से कोई फर्क नहीं पड़ता है वह तुम्हे गलत ही समझेगा इसलिए इस बात से उसे कोई फर्क नहीं पड़ता है वह चेला अपने “गुरु” की बात समझ गया था अगर हम अपने जीवन में किसी मुर्ख आदमी को कुछ भी समझाते है तो उसे कुछ समझ नहीं आएगा लेकिन आपका समय खराब हो जायेगा इसलिए उसे ही समझाना चाहिए जोकि आप की बात को समझने के लिए आपकी बात को ध्याना से सुनता है,