(ग) राष्ट्रीय पर्यावरण विधि-विधानों के प्रर्वतन से उभरें मुद्दों का वर्णन कीजिए।
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Answer:भारत में पर्यावरण क़ानून
भारत में पर्यावरण क़ानून पर्यावरण (रक्षा) अधिनियम 1986 से नियमित होता है जो एक व्यापक विधान है। इसकी रूप रेखा केन्द्रीय सरकार के विभिन्न केन्द्रीय और राज्य प्राधिकरणों के क्रियाकलापों के समन्वयन के लिए तैयार किया गया है जिनकी स्थापना पिछले कानूनों के तहत की गई है जैसाकि जल अधिनियम और वायु अधिनियम।
मानव पर्यावरण की रक्षा और सुधार करने एवं पेड़-पौधे और सम्पत्ति का छोड़कर मानव जाति को आपदा से बचाने के लिए ईपीए पारित किया गया, यह केन्द्र सरकार का पर्यावरणीय गुणवत्ता की रक्षा करने और सुधारने, सभी स्रोतों से प्रदूषण नियंत्रण का नियंत्रण और कम करने और पर्यावरणीय आधार पर किसी औद्योगिक सुविधा की स्थापना करना/संचालन करना निषेध या प्रतिबंधित करने का अधिकार देता है।
अन्य विधियों में भारतीय वन अधिनियम, 1927 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 प्रमुख हैं।
एक राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण का भी गठन किया गया है।[1]
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