गुरु दक्षिणा की परम्परा पर एक आलेख तैयार कीजिए
Answers
गुरु दक्षिणा की परम्परा पर एक आलेख :
गुरु दक्षिणा की परम्परा सदियों से चली आ रही है , गुरु अपने शिष्यों को शिक्षा देते है , ताकी वह उस शिक्षा का जीवन अच्छे से प्रयोग कर सके | शिक्षा का उपयोग दूसरों के भले के लिए कर सकें | गुरु शिक्षा देने के बाद शिष्यों को गुरुदक्षिणा देनी पड़ती थी | यही क्रम चलता आ रहा है , गुरु शिष्य को शिक्षा देता है और शिष्य गुरु को दक्षिणा देते है |
व्याख्या :
एकलव्य ने अपने गुरुदेव द्रोणाचार्य को दक्षिणा के रूप में अपने दाहिने हाथ का अंगूठा काटकर दिया | एकलव्य ने खुशी-खुशी अपना अंगूठा काटकर गुरु के चरणों में रख दिया था | एकलव्य की गुरु दक्षिणा इतिहास में चर्चित है |
Explanation:
गुरुदक्षिणा का अर्थ है कि गुरु से प्राप्त की गई शिक्षा एवं ज्ञान का प्रचार-प्रसार व उसका सही उपयोग कर जनकल्याण में लगाएँ। मूलतः गुरुदक्षिणा का अर्थ शिष्य की परीक्षा के संदर्भ में भी लिया जाता है। गुरुदक्षिणा गुरु के प्रति सम्मान व समर्पण भाव है। गुरु के प्रति सही दक्षिणा यही है कि गुरु अब चाहता है कि तुम खुद गुरु बनो।