Hindi, asked by RohitChouhan8134, 9 months ago

'गिरिधर नार नवावति' से सखी का क्या आशय है?

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Answered by shishir303
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¿ 'गिरिधर नार नवावति' से सखी का क्या आशय है ?

✎... गिरधर नार नवावति से सखी का आशय है, वे कृष्ण की बाँसुरी को एक औरत के रूप में मानकर उससे ईर्ष्या कर रही हैं। जिस तरह कृष्ण प्रेम के वशीभूत होकर एक साधारण बांसुरी के आगे अपनी गर्दन झुका लेते हैं, उससे गोपियों को बांसुरी से ईर्ष्या होने लगती है और वह बांसुरी को अपनी सौतन मानने लगती हैं। वह नहीं चाहती कि कृष्ण बांसुरी को अपने होठों से लगाएं।

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Answered by lakshaysoni01279473
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Answer:

प्रस्तुत पंक्ति में गोपियाँ कृष्ण पर व्यंग्य कसती हैं। वे कहती हैं कि कृष्ण प्रेम के वशीभूत होकर एक साधारण बाँसुरी को बजाते समय अपनी गर्दन झुका देते हैं। भाव यह है कि कृष्ण बाँसुरी बजाते समय गर्दन को हल्का झुका लेते हैं। गोपियाँ चूँकि बाँसुरी से सौत के समान डाह रखती हैं। अतः वे बाँसुरी को औरत के रूप में देखते हुए उन पर व्यंग्य कसती हैं। वे नहीं चाहती कि कृष्ण बाँसुरी को इस प्रकार अपने होठों से लगाए। बाँसुरी को कृष्ण का सामिप्य मिल रहा है, गोपियों को यह भाता नहीं है।

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