ग्रहण विशेष गैरसमाज दूर करने साठी काय करावे
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ग्रहण एक खगोलीय अवस्था है जिसमें कोई खगोलिय पिंड जैसे ग्रह या उपग्रह किसी प्रकाश के स्रोत जैसे सूर्य और दूसरे खगोलिय पिंड जैसे पृथ्वी के बीच आ जाता है जिससे प्रकाश का कुछ समय के लिये अवरोध हो जाता है।[1]
इनमें मुख्य रूप से पृथ्वी के साथ होने वाले ग्रहणों में निम्नलिखित उल्लेखनीय हैं:
चंद्रग्रहण - इस ग्रहण में चाँद या [चंद्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी आ जाती है। ऐसी स्थिती में चाँद पृथवी की छाया से होकर गुजरता है। ऐसा सिर्फ पूर्णिमा के दिन संभव होता है।
सूर्यग्रहण - इस ग्रहण में चंद्रमा सूर्य और पृथवी एक ही सीध में होते हैं और चाँद पृथवी और सूर्य के बीच होने की वजह से चंद्रमा की छाया पृथवी पर पड़ती है। ऐसा अक्सर अमावस्या के दिन होता है।
पूर्ण ग्रहण तब होता है जब खगोलिय पिंड जैसे पृथवी पर प्रकाश पूरी तरह अवरुद्ध हो जाये।
आंशिक ग्रहण की स्थिती में प्रकाश का स्रोत पूरी तरह अवरुद्ध नहीं होता