Hindi, asked by shatrughansinghparih, 3 months ago

गिरधर म्हारी साँचो प्रीतम, देखत रूप लुभाऊँ।
रेण पडे तब ही उठि जाऊँ भोर भये उठि आऊँ।
रंग दिना वाके सँग खेन ज्यूँ वू बाहि लुभाऊँ।
जो पहिराव सोई पहिरू जो दे सोई खाऊँ।
मेरी उणको प्रीत पुराणी, उप विण पल न रहाऊँ
जहँ बैटावे तितही बैतूं बेचे तो विक जाऊँ।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर, बार-बार बलि जाऊँ।write in hindi​

Answers

Answered by asahoo180
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Answer:

मैं गिरधर के घर जाऊं।

गिरधर म्हांरो सांचो प्रीतम देखत रूप लुभाऊं॥

रैण पड़ै तबही उठ जाऊं भोर भये उठि आऊं।

रैन दिना वाके संग खेलूं ज्यूं त।ह्यूं ताहि रिझाऊं॥

जो पहिरावै सोई पहिरूं जो दे सोई खाऊं।

मेरी उणकी प्रीति पुराणी उण बिन पल न रहाऊं।

जहां बैठावें तितही बैठूं बेचै तो बिक जाऊं।

मीरा के प्रभु गिरधर नागर बार बार बलि जाऊं॥

Answered by singhaddhayyan02
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Answer:

Sorry dost mai hindi mai nahi likh sakta

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