Political Science, asked by Narendra9399762273, 8 hours ago

गुट निरपेक्ष आंदोलन की विशेषताएं

Answers

Answered by Anonymous
8

गुटनिरपेक्षता का जन्म विशेष तौर पर द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुआ। भारत, मिस्र व युगोस्लाविया आदि देशों के सहयोग से इस अवधारणा का पूर्ण विकास हुआ। आज गुटनिरपेक्षता की अवधारणा एक पूर्णतया विकसित स्वयं विस्तृत रूप धारण कर चुकी है।

गुटनिरपेक्षता की महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं-

यह सभी प्रकार के सैनिक, राजनीतिक, सुरक्षा-सन्धियों तथा गठबन्धनों का विरोध करने की नीति है। गुटनिरपेक्षता शीत युद्ध के दौरान उत्पन्न NATO, SEATO तथा WARSA समझौतों का विरोध करती है। गुटनिरपेक्षता की नीति का मानना है कि सैनिक गठबन्धन साम्राज्यवाद, युद्ध तथा नव-उपनिवेशवाद को बढ़ावा देते हैं। ये शीत युद्ध या अन्य तनावों को जन्म देते हैं। इन्हीं से विश्व शान्ति भंग होती है। अत: इनसे दूर रहना तथा विरोध करना आवश्यक है।

गुटनिरपेक्षता शीत युद्ध का विरोध करती है। भारत जैसे गुटनिरपेक्ष देश शीत-युद्ध को अंतर्राष्ट्रीय शान्ति को भंग करने वाला तत्व मानते हैं। इसलिए गुटनिरपेक्षता शीत युद्ध से दूर रहने की नीति का पालन करती है। और शीत युद्ध के सभी तनावों को दूर करने का प्रयास करती है।

गुटनिरपेक्षता स्वतन्त्र विदेश नीति का पालन करने में विश्वास करती है। उसका मानना है कि गुटबन्दियां राष्ट्रीय हितों के लिए हानिकारक हैं। इसीलिए भारत हमेशा से अपनी विदेश नीति में गुटनिरपेक्षता को आधार मानता रहा है।

गुटनिरपेक्षता अलगाववाद या तटस्थता की नीति नहीं है। यह अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं के प्रति जागरूक रहने तथा उन समस्याओं के समाधान के लिए सहयोग देने की नीति है।

गुटनिरपेक्षता शान्तिपूर्ण सहअस्तित्व तथा आपसी सहयोग की नीति है। यह शक्ति के किसी भी रूप का खण्डन करती है। यह राष्ट्रों के बीच तनावों संघर्षों को शान्तिपूर्ण ढंग से हल करने में विश्वास करती है।

यह राष्ट्रीय हितों को प्राप्त करने का कूटनीतिक साधन नहीं है। यह युद्ध का लाभ उठाने के किसी भी अवसर का विरोध करती है। यह एक सकारात्मक गतिशील नीति है। यह विदेशों के साथ मधुर सम्बन्धों की स्थापना करके राष्ट्रीय हितों की प्राप्ति करने पर बल देती है।

#NAWABZAADI

Similar questions