History, asked by pappukumar8459, 11 months ago

गेटवे ऑफ इंडिया किस शैली का उदाहरण है .​

Answers

Answered by chetan1473
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Answer:

गेटवे ऑफ इंडिया अब मुम्‍बई शहर का पर्यायवाची बन गया है। यह मुम्‍बई का सबसे अधिक प्रसिद्ध स्‍मारक है और यह शहर में पर्यटन की दृष्टि से आने वाले अधिकांश लोगों का आरंभिक बिन्‍दु है। गेटवे ऑफ इंडिया एक महान ऐतिहासिक स्‍मारक है, जिसे देश में ब्रिटिश राज के दौरान निर्मित कराया गया था। यह पंचम किंग जॉर्ज और महारानी मेरी के मुम्‍बई (तत्‍कालीन बंबई) आगमन के अवसर पर उन्‍हें सम्‍मानित करने के लिए बनाया गया विशाल स्‍मारक था। गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण अपोलो बंदर पर कराया गया था जो मेल जोल का एक लोकप्रिय स्‍थान है। इसे ब्रिटिश वास्‍तुकार जॉर्ज विटेट ने डिजाइन किया था।

गेटवे ऑफ इंडिया की आशाशिला बम्‍बई (मुम्‍बई) के राज्‍य पाल द्वारा 31 मार्च 1913 को रखी गई थी। यह स्‍मारक 26 मीटर ऊंचा है और इसने 4 मीनारें हैं और पत्‍थरों पर खोदी गई बारीक पच्‍चीकारी है। इसका केवल गुम्‍बद निर्मित करने में 21 लाख रु. का खर्च आया था। यह भारतीय - सार्सैनिक शैली में निर्मित भवन है, जबकि इसकी वास्‍तुकला में गुजराती शैली का भी कुछ प्रभाव दिखाई देता है। यह संरचना अपने आप में ही अत्‍यंत मनमोहक और पेरिस में स्थित आर्क डी ट्रायम्‍फ की प्रतिकृति है।

Answered by saurabhgraveiens
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इंडो-सरैसेनिक शैली का उदाहरण है |

Explanation:

  • गेटवे ऑफ इंडिया, एक आर्च-स्मारक है जो बीसवीं शताब्दी के शुरुआती दिनों में मुंबई शहर में बनाया गया था।
  • यह दिसंबर 1911 में अपोलो बंडर, मुंबई में राजा-सम्राट जॉर्ज पंचम और भारत की पहली ब्रिटिश सम्राट रानी-महारानी मैरी की अवतरण की याद में बनाया गया था।
  • मार्च 1913 में इंडो-सारासेनिक शैली में निर्मित एक स्मारक के लिए नींव पत्थर रखा गया था, जिसमें 16 वीं शताब्दी की मराठी वास्तुकला के तत्व शामिल थे।
  • वास्तुकार जॉर्ज विटेट द्वारा स्मारक का अंतिम डिजाइन केवल 1914 में स्वीकृत किया गया था, और निर्माण 1924 में पूरा हुआ था। संरचना बेसाल्ट से बना एक विजयी मेहराब है, जो 26 मीटर ऊंचा है।
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