Hindi, asked by ahirwarsuraj2131, 6 months ago

गोदोहन से लेकर रातस्य-यज्ञ में पुरोहितों के चरण धोने तक तथा सुदामा की मैत्री से लेकर युद्ध भूमि में
गीता के उपदेश तक उनकी ऊँचाई का एक पैमाना है, जिस पर सूर्य की किरणों की रंग-बिरंगी पेटी की
तरह हमें आत्मिक विकास के हर एक स्वरूप दर्शन होता हैं।​

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Answered by Nehasaha19
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hope that help you dear

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