(ग)दीवाने क्या तोड़ चले हैं?
Answers
Answered by
1
इन पंक्तियों में कवि कहता है कि जब कोई दीवाना किसी स्थान या पड़ाव से आगे निकल पड़ता है तो वह अपने सारे बंधन तोड़ देता है। फिर उसके लिए अपने और पराये का कोई मतलब नहीं रह जाता है। दीवाने यह भी मनाते हैं कि जो लोग दुनियादारी के बंधन में बंधे हुए हैं वो भी खुशहाल रहें।
Similar questions