‘ग ॊधीजी के नेतत्ृ व भें अद्भतु ऺभत थी’ − कथन की ऩप्ु ष्ट ‘धगतनी क सोन ’ ऩ ठ के आध य ऩय उद हयण सहहत कीप्जए।
Answers
Answered by
2
Heya Mate ✌✌✌
Here's your answer ⚛⚛⚛
➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡
☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣
गांधीजी में नेतृत्व की अद्भुत क्षमता थी। सत्य और अहिंसा के विचार पर पूरे देश को आंदोलित करने के लिए उन्होंने जिस प्रकार अपनी चेतना का प्रयोग किया, वह विलक्षण था। गांधीजी एक प्रैक्टिकल आइडियलिस्ट थे। उन्होंने जीवन में आदर्श के साथ व्यावहारिकता की
थोड़ी मात्रा को जायज माना। उन्होंने आदर्श को गिरने नहीं दिया, बल्कि व्यावहारिकता को ही आदर्शों के स्तर तक चढ़ाने के लिए अपने विचारों तथा कार्यक्रमों को दिशा दी। गांधीजी ने व्यावहारिकता को आदर्श के स्तर तक पहुँचा कर अपनी नेतृत्व क्षमता को ।
☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣☣
➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡➡
Hope it helps you ☯☯☯
Cheers ☺☺☺
Similar questions