गांधी जी के स्वावलंबी ग्राम की धारणा समझाएँ। क्या आपके विचार से आज भारत में यह संभव है? अपने तर्कों को उदाहरण के साथ सिद्ध करें।
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गांधी जी के स्वावलंबी ग्राम की धारणा समझाएँ। क्या आपके विचार से आज भारत में यह संभव है? अपने तर्कों को उदाहरण के साथ सिद्ध करें।
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उत्तर :- गांधी जी अपने समय में मानते थे की, अगर ग्रामों को आत्म-निर्भर बना दिया जाए तो हमारा देश खुद व खुद खुशहाल और विकसित हो जाएगा, जो की उस समय के हिसाब से सहीं भी था। उस समय भारत में ज़्यादातर लोग कृषि पर निर्भर थे, परंतु यहाँ पर गांधी जी ने कताई और बुनाई के ऊपर ज़ोर दिया। उनका मानना था की, हस्तशिल्प और कताई-बुनाई से लोगों को कमाने का मौका मिलेगा जिससे ग्रामीण समाज का भी विकास होगा।
अगर आज के समय के साथ हम गांधी जी के विचारधारा को जोड़ कर देखें तो, यह बात पूरी तरह साफ-साफ पता चलता है की, आज के समय में हम अगर चाहें तो उनके विचारधाराओं को अपने हितों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि वर्तमान के हिसाब से इसके पहलुओं को थोड़ा बदलना पड़ेगा।
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