Hindi, asked by divyanshidutt04, 6 months ago

गाड़ी छूट रही थी सेकंड क्लास के छोटे डिब्बे को खाली समझकर जरा दौड़ कर उसमें चढते हनुमान के प्रतिकूल
डिब्बा निर्जन नहीं था एक वृत पर लखनऊ की नवाबी नस्ल के सफेदपोश सज्जन बहुत सुविधा से पालथी मारकर
बैठे थे सामने दो ताजे चिकने खीरे तौलिए पर रखे ये डिब्बे में हमारे सहसा कूद जाने से सज्जन की आंखों में एकांता
चिंतन में विघ्न का असंतोष दिखाई दिया सोचा हो सकता है यह भी कहानी के लिए शूज की चिंता में हो या खीरे
जैसी आ पदार्थ वस्तु का शौक करते देखे जाने के संकोच में हूं नवाब साहब ने संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया
हमने भी उनके सामने की बर्थ पर बैठकर आत्म सम्मान में आंखें चुरा ली
प्रश्न-1 पाठ का नाम और उसके लेखक का नाम बताइए

Answers

Answered by jhav4941
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Answer:

lakhnavi andaaj

Explanation:

lekhak ka Naam nahi pta

Answered by sumitkumar04ever
0

Answer:

Lucknowi Andaaz paath ke lekhak Yashpal ji the

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