गणतंत्र दिवस के अवसर पर जनतांत्रिक शासन प्रणाली पर अपना मंतव्य प्रकट कीजिए।
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डॉक्टर भीमराव अंबेडकर एवं उनके सहयोगियों के अथक प्रयास से निर्मित संविधान के जारी होते ही भारत संप्रभुता संपन्न गणराज्य बन गया| इसी उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है| गणतंत्र का अर्थ है- ऐसी शासन व्यवस्था, जिसमें सत्ता जनसाधारण में समाहित हो| वैसे तो हमारा देश 15 अगस्त, 1945 को भी अंग्रेजों की दास्तां से आजाद हो गया था, किंतु इस स्वतंत्रता को वास्तविक अर्थ देश को प्रभुत्व संपन्न जनतांत्रिक शासन प्रणाली घोषित किए जाने के उपरांत ही मिला|
गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है| यह प्रतिवर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है| इस दिन 1950 में हमारे देश का स्वतंत्र संविधान लागू हुआ था| इस दिन देश में सार्वजनिक अवकाश रहता है, राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति भवन से लाल किले तक भव्य परेड का आयोजन किया जाता है| इस दिन प्रत्येक भारतीय देश की आज़ादी में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को याद करता है और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है| गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति राष्ट्र के नाम संदेश भेजते हैं जिसमें सीधा प्रसारण रेडियो एवं दूरदर्शन पर किया जाता है| इंडिया गेट, विजयपथ, नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस का समारोह विशेष तौर पर आयोजित किया जाता है| देश के अतिथि के रुप में किसी न किसी देश के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी आमंत्रित किया जाता है|
Explanation:
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एक समय था जब सारी दुनिया मे छाटी छाटी रियसते हुआ करती
थी और उनके प्रमुख राजा हुआ करते थे | इन राजाओ के अपने कानून
होते थे |उनके शब्द अदालती निर्णय हुवा करते थे | सारे अधिकार राजा ओ के हात मे हो तेथे और जनता की हालत गुलाम के जैसे हुआ करती थी |
एक समय ऐसा आया जब विश्व मे शासन कि बागडोर जनता के हाथ आने लगी और जनता को चुने हुए प्रतिनिधी निश्चित अवधीत के लिये शासन करने के लिए चुने जाने लगे | इस व्यवस्था मे जनता को अपने सुख-दुःख की आपने चुने हुए प्रतिनिधी ओ के सामने रखने का अधिकार मिल गया है |
जंताकतरीक प्रणाली मे जनता को अपनी पसंद के प्रतिनिधी चुनने का अधिकार मिलता है पर चूने जाने पर प्रतिनिधी के अपेक्षा के अनुस्वार कार्य करेंगे, यहा निश्चित नही होता | इसीलिए प्रजातान्त्रिक शासन प्रणाली मे कभी कभी भ्रष्टाचार, भाई भतीज आवाज और प्रकारे सत्ता पर सदा काबीज रहने का प्रयास करनेवाले प्रतिनिधी की कभी नही होती | जनतांत्रिक शासन प्रणाली एक उत्तम शासन प्रणाली है पर चुने हुए प्रतिनिधीयो मे नैतिकता अत्यंत आवश्यक है| कभी यह शासन व्यवस्था सही ढग से काम कर सकती है |