Gandhiji ke sapno ka Bharat kaisa tha?
Answers
Swatch , Sundar , kosal bharat
महात्मा गाँधी बीसवीं सदी के सबसे अधिक प्रभावशाली व्यक्ति हैं; जिनकी अप्रत्यक्ष उपस्थिति उनकी मृत्यु के साठ वर्ष बाद भी पूरे देश पर देखी जा सकती है। उन्होंने भारत की कल्पना की और उसके लिए कठिन संघर्ष किया। स्वाधीनता से उनका अर्थ केवल ब्रिटिश राज से मुक्ति का नहीं था बल्कि वह गरीबी, निरक्षरता और अस्पृश्यता जैसी बुराइयों से मुक्ति का सपना देखते थे। वह चाहते थे कि देश के सारे नागरिक समान रूप से आज़ादी और समृद्धि का सुख पा सकें।
उनके बहुत-से परिवर्तनकारी विचार, जिन्हें उस समय, असंभव कह परे कर दिया गया था, आज न केवल स्वीकार किये जा रहे हैं बल्कि अपनाए भी जा रहे हैं। आज की पीढ़ी के सामने यह स्पष्ट हो रहा है कि गाँधीजी के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने उस समय थे। यह तथ्य है कि गाँधीगीरी आज के समय का मंत्र बन गया है। यह सिद्ध करता है कि गाँधीजी के विचार इक्कीसवीं सदी के लिए भी सार्थक और उपयोगी हैं।
महात्मा गांधी ने अपने सपनों के भारत में जिस दृष्टि की कल्पना की थी उसमें व्यापकता थी। यही कारण है कि उनके उसी दृष्टिकोण या उन्हीं विचारों को गांधीवाद की संज्ञा दी गई। ग्रामीण विकास की तरफ गांधी जी की दृष्टि हमेशा सजग ही रही। ग्रामीण विकास के लिए जिन बुनियादी चीजों को वे जरूरी समझते थे, उनमें ग्राम स्वराज, पंचायतराज, ग्रामोद्योग, महिलाओं की शिक्षा, गांवों की सफाई, गांवों का आरोग्य और समग्र ग्राम विकास आदि प्रमुख हैं। मैं भारत को स्वतंत्र और बलवान बना हुआ देखना चाहता हूँ, क्योंकि मैं चाहता हूं कि वह दुनिया के भले के लिए स्वेच्छापूर्वक अपनी पवित्र आहुति दे सके। भारत की स्वतंत्रता से शांति और युद्ध के बारे में दुनिया की दृष्टि में जड़मूल से क्रांति हो जायेगी। उसकी मौजूदा लाचारी और कमजोरी का सारी दुनिया पर बुरा असर पड़ता है।