Hindi, asked by khushifamily891, 11 months ago

Gandtantra divas par nibandh
{150 sabd}

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Answered by nidhisakuja
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Answer:

Explanation:15 अगस्त, 1947 को जो हमें आजादी मिली, वह आसानी से नहीं मिल गई। इसके लिए हमें बड़ी कुर्बानी देनी पड़ी है और लंबा संघर्ष करना पड़ा है। महात्मा गांधी, भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, डॉ.राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सुखदेव, गोपाल कृष्ण गोखले, लाला लाजपत राय, लोकमान्य बालगंगाधर तिलक, चंद्र शेखर आजाद जैसे हजारों स्वतंत्रता सेनानियों ने बलिदान दिया। तब जाकर हम आजाद फिजा में सांस लेने के काबिल हो पाए। देश की आजादी के लिए स्वतंत्रता सेनानियों ने खूब मेहनत की। उन्होंने ब्रिटिश शासन से लड़ने में दिन-रात एक कर दिए। उन्होंने अपने आराम और जीवन के सारे सुख त्याग दिए। उनमें से कुछ जैसे भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकुल्लाह खान जैसे स्वतंत्रता सेनानियों तो अपनी जान तक देश पर कुर्बान कर दी।

महात्मा गांधी के अहिंसा के आंदोलन से आजादी हासिल करने में काफी मदद मिली। इसके नतीजे में ही 200 सालों के ब्रिटिश शासन से हमें आजादी मिली। आजादी की लड़ाई में हर धर्म, जाति, रंग और नस्ल के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। अरुणा आसफ अली, विजय लक्ष्मी पंडित, सरोजिनी नायडू, कस्तूरबा गांधी, कमला नेहरू, एनी बेसेंट जैसी महिलाओं ने भी स्वतंत्रता के आंदोलन में हिस्सा लिया।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सरकारी स्तर पर बड़े कार्यक्रमों का आयोजन होता है। सबसे बड़ा कार्यक्रम लाल किले पर होता है। वहां देश के प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं और लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हैं। कुछ लोग सुबह तैयार हो जाते हैं और टीवी पर भारत के प्रधानमंत्री का भाषण सुनते हैं। उसके बाद कई अन्य कार्यक्रमों का आयोजन होता है। राष्ट्रीय ध्वज को 21 तोपों की सलामी दी जाती है। इसी तरह से हर राज्यों में भी स्वतंत्रता दिवस समारोहों का आयोजन किया जाता है जहां राज्य के राज्यपाल और मुख्यमंत्री मुख्य अतिथि में शामिल होते हैं।

स्वतंत्रता दिवस को देश का हर नागरिक अपने-अपने तरीके से मनाता है। इस मौके पर वे कार्यक्रम स्थल को सजाते हैं, राष्ट्रीय झंडा फहराते हैं और राष्ट्रीय गीत या देशभक्ति के गीत गाते हैं। इस मौके पर स्कूलों में कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है।

Answered by jayathakur3939
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गणतंत्र दिवस

भारत के तीन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्वों में से एक है , 26 जनवरी । 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में पूरे देश में काफी जोश और सम्मान के साथ मनाया जाता है। यह, वह दिन है जब भारत में गणतंत्र और संविधान लागू हुआ था। यही कारण है कि इस दिन को हमारे देश के आत्मगौरव तथा सम्मान से भी जोड़ा जाता है । इस दिन देश भर में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते और खासतौर से विद्यालयों तथा सरकारी कार्यलयों में इसे काफी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है तथा इसके उपलक्ष्य में भाषण, निबंध लेखन और कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है ।

हर साल 26 जनवरी को भारत अपना गणतंत्र दिवस मनाता है क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था । इसे हम सभी राष्ट्रीय पर्व के रुप में मनाते है और इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है ।

इसके अलावा गाँधी जयंती और स्वतंत्रता दिवस को भी राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। भारतीय संसद में भारत के संविधान के लागू होते ही हमारा देश पूरी तरह से लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया।

भव्य कार्यक्रम

इस महान दिन पर भारतीय सेना द्वारा भव्य परेड किया जाता है जो सामान्यत: विजय चौक से शुरु होकर इंडिया गेट पर खत्म होता है। इस दौरान तीनों भारतीय सेनाओं (थल, जल, और नभ) द्वारा राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है, साथ ही सेना द्वारा अत्याधुनिक हथियारों और टैंकों का प्रदर्शन भी किया जाता है, जो हमारे राष्ट्रीय शक्ति का प्रतीक है। आर्मी परेड के बाद देश के सभी राज्यों द्वारा झाँकियों के माध्यम से अपने संस्कृति और परंपरा की प्रस्तुति की जाती है। इसके बाद, भारतीय वायु सेना द्वारा हमारे राष्ट्रीय झंडे के रंगों (केसरिया, सफेद, और हरा) की तरह आसमान से फूलों की बारिश की जाती है।

गणतंत्र दिवस का इतिहास

आजादी के बाद एक ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त 1947 की मीटिंग में भारत के स्थायी संविधान का प्रारुप तैयार करने को कहा गया। 4 नवंबर 1947 को डॉ बी.आर.अंबेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान के प्रारुप को सदन में रखा गया। 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन में संविधान बनकर तैयार हुआ। आखिरकार इंतजार की घड़ी 26 जनवरी 1950 को इसको लागू होने के साथ ही खत्म हुई। साथ ही पूर्णं स्वराज की प्रतिज्ञा का भी सम्मान हुआ।

उपसंहार

इस दिन स्कूल-कॉलेजों में भी विद्यार्थी परेड, खेल, नाटक, भाषण, नृत्य, गायन, निबंध लेखन, सामाजिक अभियानों में मदद के द्वारा, स्वतंत्रता सेनानियों के किरदार निभा कर आदि, बहुत सारी क्रियाओं द्वारा इस उत्सव को मनाते है। इस दिन हर भारतीय को अपने देश को शांतिपूर्णं और विकसित बनाने के लिये प्रतिज्ञा करनी चाहिये। अंत में हर विद्यार्थी मिठाई और नमकीन लेकर खुशी-खुशी अपने घर को रवाना हो जाता है।

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