ganesh ka samas vigrah
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ganesh ka samas ga+nesh
pratyasa44:
faltu
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Answer:
“गणेश” में बहुब्रीहि समास है जिसका विग्रह होगा “गणों का ईश” |
Explanation:
“गणेश” में बहुब्रीहि समास है जिसका विग्रह होगा “गणों का ईश” |
समास विग्रह
गणेश गणों का ईश
बहुब्रीहि समास -> जिस समास में समस्तपदों में कोई भी प्रधान न होकर कोई अन्य पद प्रधान हो, उसे बहुब्रीहि समास कहते है | बहुब्रीहि समास द्वारा रचित शब्द विशेषण का कार्य करता है जैसे-
स्थान के अनुसार यथास्थान
मृगेंद्र मृगों का इंद्र
महात्मा महान है आत्मा जिसकी |
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