Hindi, asked by surjit91, 10 months ago

Gaon ki subah ka drishya essay in hindi​

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Answered by aagr
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गाँव का जीवन या हमारे गाँव पर निबंध | Essay on Our Village in Hindi!

भारत गाँवों के देश है । हमारे देश की साठ-सत्तर प्रतिशत जनसंख्या अब भी गाँवों में ही रहती है । गाँव का जीवन शहरी जीवन से अलग होता है । यहाँ की आबोहवा में जीना सचमुच आनंददायी होता है ।

गाँवों में भारतीय संस्कृति के दर्शन होते हैं । यहाँ भारत की सदियों से चली आ रही परंपराएँ आज भी विद्‌यमान हैं । यहाँ के लोगों में अपनापन और सामाजिक घनिष्ठता पाई जाती है । यहाँ खुली धूप और हवा का आनंद उठाया जा सकता है । यहाँ हरियाली और शांति होती है ।

हमारे गाँव भारत की कृषि व्यवस्था के आधार हैं । यहाँ कृषकों का निवास होता है । गाँव के चारों ओर खेत फैले होते हैं । खेतों में अनाज एवं सब्जियों उगाई जाती हैं । गाँवों में तालाब और नहरें होती हैं । इनमें संग्रहित जल से किसान फसलों की सिंचाई करते है । गाँवों में खलिहान होते हैं । यहाँ पकी फसलों को तैयार किया जाता है ।

गाँवों में खेती क अलावा पशुपालन, मुर्गीपालन, मधुमक्खी पालन जैसे व्यवसाय किए जाते हैं । पशुपालन से किसानों को अतिरिक्त आमदनी होती है तथा कृषि कार्य में सहायता मिलती है । पशुओं का गोबर खाद का काम करता है । पशु दूध देते हैं तथा बैल, भैंसा आदि पशु हल में जीते जाते हैं । कुछ पशु माल दुलाई में ग्रामवासियों की मदद करते हैं ।

गाँव का जीवन शांतिदायक होता है । यहाँ के लोग शहरी लोगों की तरह निरंतर भाग-दौड़ में नहीं लगे रहते हैं । यहाँ के लोग सुबह जल्दी जगते हैं तथा रात में जल्दी सो जाते हैं । यहाँ की वायु महानगरों की वायु की तरह अत्यधिक प्रदूषित नहीं होती । यहाँ बाग-बगीचे होते हैं जहाँ के फूलों की सुगंध हवा में व्याप्त रहती है । यहाँ भीड़- भाड़ कम होने से ध्वनि प्रदूषण भी नहीं पाया जाता है ।

गाँवों में उत्सवों और मेलों की धूम होती है । यहाँ होली, बैशाखी, पोंगल, ओणम, दीवाली, दशहरा, ईद जैसे त्योहार परंपरागत तरीके से मनाए जाते हैं । त्योहारों के अवसर पर लोग आपस में मिलते-जुलते हैं । वे लोक धुनों के नृत्य पर थिरकते हैं । गाँव के लोग आपसी सुख- दु:ख में एक-दूसरे का पूरा साथ देते हैं । गाँव के सभी लोग आपसी भाईचारे से रहते हैं । वे आपसी विवाद को अधिकतर पंचायत में ही सुलझा लेते हैं ।

भारत के गाँवों में भी अब शहरों की कई सुविधाएँ पहुंच गई हैं । यहाँ बिजली, टेलीफोन, मोबाइल फोन, कंप्यूटर, सड़क, पानी का नल जैसी सुविधाएँ पहुँच रही हैं । वहाँ के किसान आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रयोग करने लगे हैं । अब हल बैल के स्थान पर ज्यादातर ट्रैक्टरों से खेतों की जुताई की जाती है । वहाँ भी अब स्कूल, सार्वजनिक भवन तथा अस्पताल हैं । गाँवों की गलियाँ पक्की कर दी गई हैं ।

Answered by DiyaTsl
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उत्तर

                 गांव की सुबाह का दृश्य

भारत  छोटे  शहरों  और  गांवों  का  देश  है । हमारे  देश  की  67  फीसदी आबादी अभी  भी  गांवों  में  रहती  है । गाँव  का  जीवन  जिस  तरह  से  संचालित  होता  है , वह शहरी  जीवन  के  संचालन  के  तरीके  से  भिन्न  होता  है । मुझे  इस  माहौल  में  रहने में  बहुत  मजा  आता  है । भारत  के  गांव  वहां  की  संस्कृति  का  प्रतिबिंब  हैं । भारत में  बहुत  पुरानी  परंपराएं  आज  भी  यहां  मौजूद  हैं । यहां  के  लोगों  में  सामुदायिक और  सामाजिक  जुड़ाव  की  मजबूत  भावना  है । इसे यहां पर देख जा सकता है। यहां खुली धूप और हवा का आनंद लेने में  सक्षम  होना  अच्छा  है । यहां  भरपूर  हरियाली वाला  शांत  वातावरण  है । गाँव  भारत  की  कृषि  व्यवस्था  का  आधार  हैं । इस शहर के  निवासी  किसान  हैं । खेत  गांव  के  आसपास  स्थित  हैं । बागवानी  खेतों  में  फसल  उगाने  की  प्रक्रिया  है । गांवों  में  झीलें  और  नहरें  हैं । किसान  फसलों  में  जमा  पानी  का  इस्तेमाल  सिंचाई  के  लिए करते  हैं। गांवों में खलिहान हैं। फसल कटाई  के  लिए  तैयार  की  जा  रही  है। गाँव कृषि के अलावा कई तरह की गतिविधियों  में  संलग्न  हैं , जिसमें पशुधन , मुर्गी पालन और मधुमक्खी पालन शामिल हैं । पशुपालन  किसानों  के  लिए  एक  व्यवहार्य  विकल्प  है , जो  अतिरिक्त  आय  प्रदान करता  है  और  कृषि  गतिविधियों  में  योगदान  देता  है । खाद का उत्पादन जानवरों द्वारा  किया  जाता  है ।

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