garmiyon ki chuttiyon ke bare mai batate hue naa ji ko patr
Answers
Explanation:
48 ,शिवाजी नगर
आनंद रोड
नई दिल्ली - 111111
दिनांक - 22 अप्रैल 2016
प्रिय xyz
तुम्हारा पत्र मिला । पढकर समाचार ज्ञात हुआ । तुम्हारा ग्रीष्मावकाश आगामी सप्ताह से प्रारंभ होने जा रहा है । इस बार मेरे मन में एक उत्तम विचार आया है जिसे जानकर तुम्हें खुशी होगी । वह शुभ विचार यह है कि तुम इस बार गर्मी की छुट्टियाँ बिताने मेरे घर आओगे । यह मेरी आज्ञा नहीं, निवेदन है । मुझे इससे भी अधिक खुशी तब होगी जब तुम मेरे घर पधारोगे ।वैसे तो छुट्टियाँ कैसे बितानी हैं इसकी रूपरेखा मैने तैयार कर ली है, पर मैं यह सोचता हूँ कि यदि तुम्हारे विचार न जानूँ तो तुम्हारे साथ नाइंसाफी होगी । इसलिए तुमसे यह अनुरोध है कि 'छुट्टियाँ कैसे बिताना है ' इसकी रूपरेखा योजना बद्ध ढंग से लिखकर मुझे पत्र द्वारा अवगत कराओगे । मैं तुम्हारे पत्र के इंतजार में रहूँगा ।
अपने माता- पिता एवं बडे भाई को मेरी ओर से प्रणाम कहना । पत्रोत्तर शीघ्र देना ।
तुम्हारा मित्र
abc
पता ................
दिनांक ............
प्रिय मित्र,
मधुर स्नेह!
मेरी गर्मियों की छुट्टियाँ बहुत ही अच्छी बीतीं। इस बार में गर्मियों की छुट्टियों में अपने मामा के यहाँ मसूरी गया हुआ था। इस बार पिताजी ने परिवार के साथ मसूरी घूमने का कार्यक्रम बनाया। इस पर्वतीय प्रदेश में घूमकर, वहाँ के ऊँचे-ऊँचे वृक्ष, घनी हरियाली, ऊँचे-ऊँचे पर्वत, झरने, पहाड़ों के नीचे बहती नदी, गूँजती आवाज़ें सभी कुछ इतना सुंदर और अद्भुत था कि अब तक उसे भूल नहीं पाया हूँ।
मैं वहाँ के कैम्टी फाल व कंपनी गार्डन घूमने गया था। वहाँ की चहल-पहल व शोभा देखते ही बनती थी। मॉलरोड़ में मैंने परिवार के साथ बहुत खरीदारी की। बड़ी मौज़-मस्ती भी की थी। दो महीने इतने मज़े में निकले की कहते नहीं बनता। यह यात्रा मैं कभी भूल नहीं पाऊँगा।
पत्र समाप्त करता हूँ। अपने माता-पिता को मेरा नमस्कार कहना। तुम्हारे पत्र का इंतजार रहेगा। पत्र अवश्य लिखना।
तुम्हारा मित्र
अ.ब.स.