Hindi, asked by MunirajAhire, 17 days ago

- . २) गद्य आकलनः निम्नलिखित गद्यांश पढकर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर गद्यांश में एक-एक वाक्य में हो। -
भाग्य पर विश्वास करने वालों का दावा है की, पिछले जन्मों के कर्मों के अनुसार सफलता या असफलता मिली है, या सुख-दुख आते है । कई बार भरसक प्रयत्न करने के बाद भी व्यक्ति असफल हो जाता है तो दुखी हो उठता है। यह मानने के लिए उसे मजबूर होना पडता है कि भाग्य में वही लिखा था । सफलता केवल प्रयत्न और परिश्रम से ही नहीं मिलती । एयके लिए व्यावहारिक ज्ञान, सूझ-बूझ धैर्य, आत्मविश्वास, एकाग्रता आदि कई गुण आवश्यक हैं ।काम को बिना समझे, गलत ढंग से, उचट मन से, उद्देश्य की पूरी और स्पष्ट जानकारी पाए बिना कितना भी परिश्रमपूर्वक किया जाए, तो भी सफलता मिलना संभव नहीं होता है ।जब आवश्यक गुणों के अभाव में मेहनत करने वाले को सफलता नहीं मिलती तो कहा जाता है कि पिछले जन्म के कर्मो के कारण उसे सफलता नहीं मिलती तो कहा जाता है कि पिछले जन्म के कर्मों के कारण उसे सफलता नहीं मिली । तब व्यक्ति अपने भाग्य को अपनी असफलता का उत्तरदायी मानकर चुप बैठा जाता है । भाग्यवाद व्यक्ति को निराश, निष्क्रिय और अकर्मण्य बना देता है । अगर सफलता के कारण ढूँढे जाएँ और पुरूषार्थी बनकर काम वह फिर से करने का संकल्प किया जाए तो असफलता के कारणों से बचने की समझ आती है और व्यक्ती सफल हो सकता है ।​

Answers

Answered by patilpradip1712
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Answer:

  1. भाग्यवान व्यक्ती को क्या बना देता है?
  2. क्या परिश्रम से नहीं मिलती
  3. कितना भी परिश्रम किया जाए तो भी क्या मिलना संभवते नहीं होता ?
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