गद्य आकलन-प्रश्न निर्मिती :
* निम्नलिखित परिच्छेद पढकर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर परिच्छेद में एक-एक
वाक्य में हों :
प्र. 5, (इ) मि
समय की पाबंदी का उद्देश्य है अपने कार्य को मन लगाकर ठीक समय पर, निश्चित अवधि के भीता
सफलतापूर्वक पूर्ण करना। जो लोग समय के पाबंद होते हैं उन्नों अपने कार्य करने के लिए किसी की प्रेरणा
या किसी के अनुरोध की आवश्यकता नहीं होती बल्कि उनकी आत्मा ही उन्हें अपने प्रत्येक कार्य में प्रवलत
करती है। समय की पाबंदी करने वाले उत्साही और फुर्तीले होते हैं, अपने कार्यों को योजनाबद्घ रीति से
करते हैं और अपने काम के समय का पूरा-पूरा उपयोग करने का ध्यान रखते हैं। ऐसे मनुष्य अमोद-प्रमोद
के लिए, अपने मित्रों और सगे-संबंधियों से मिलने-जुलने के लिए तथा विश्राम और शयन के लिए उचित
अवकाश भी निकाल लेते हैं परंतु इसके विपरीत समय की पाबंदी की उपेक्षा करने वाले लोग तनाव में रहते
हैं, उनका समय इधर-उधर आलस्य और प्रमाद करने में व्यर्थ ही व्यतीत हो जाता है और वे सदा काम के
बोझ की शिकायत करते रहते हैं।
Answers
गद्य आकलन-प्रश्न निर्मिती :
* निम्नलिखित परिच्छेद पढकर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर परिच्छेद में एक-एक वाक्य में हों :
प्रश्न : समय की पाबंदी का उद्देश्य है ?
उत्तर : समय की पाबंदी का उद्देश्य है , अपने कार्य को मन लगाकर ठीक समय पर, निश्चित अवधि के अंदर सफलतापूर्वक पूर्ण करना। समय के अंदर किए गए कार्य , हमेशा सफलता की तरफ जाते है |
प्रश्न : समय की पाबंदी करने वाले लोग कैसे होते है ?
उत्तर : समय की पाबंदी करने वाले उत्साही और फुर्तीले होते है , अपने कार्यों को समय-सारणी से करते हैं और अपने काम के समय का पूरा-पूरा उपयोग करने का ध्यान रखते है।वह अपने समय का हमेशा सदुपयोग करते है |
प्रश्न : मनुष्य अपने जीवन में किस के लिए समय निकालते है ?
उत्तर : समय की पाबंदी वाले मनुष्य मनुष्य अमोद-प्रमोद के लिए, अपने मित्रों और सगे-संबंधियों से मिलने-जुलने के लिए तथा विश्राम और शयन के लिए उचित अवकाश भी निकाल लेते है | वह सबके साथ मिलकर रहते है |
प्रश्न : कौन से मनुष्य तनाव में रहते है ?
उत्तर : जो मनुष्य मय की पाबंदी के अनुसार नहीं चलते है , वह हमेशा तनाव में रहते है | वह अपना समय इधर-उधर , बेकार के कामों में खराब करते है | वह सदा काम के
बोझ की शिकायत करते रहते है।