• गद्य आकलन-प्रश्ननिर्मिति :
निम्नलिखित परिच्छेद पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर परिच्छेद में एक-एक वाक्य
में हों:
एकलव्य ने द्रोणाचार्य को गुरु मानकर धनुर्विद्या का अभ्यास कर अनुपम कौशल प्राप्त किया था, अतः
उसने गुरु को दक्षिणा देने की इच्छा प्रकट की। अपार श्रद्धा प्रकट करने और अद्वितीय धनुर्धर होने के
अपराध में उसे पंगु बना दिया जाएगा, इसकी कल्पना भी उस वीर युवक को नहीं थी। तब द्रोणाचार्य ने
कहा- "मुझे तुम्हारे दाहिने हाथ का अंगूठा चाहिए", तब एकलव्य का हृदय हाहाकार कर उठा। वह
कल्पना भी नहीं कर सकता था कि जिस महान गुरु के प्रति उसने अपार श्रद्धा प्रकट की है, वह इतना
क्रूर और हृदयहीन होकर उससे उसके दाहिने हाथ का अंगूठा माँग लेगा। द्रोणाचार्य की ओर देखकर एकलव्य
ने पूछा, “अँगूठा दे देने के बाद धनुर्विद्या के नाम पर मेरे लिए क्या शेष रह जाएगा?'' गुरु से तो
आशीर्वाद की आशा और अपेक्षा की जाती है, परंतु बेचारे एकलव्य को गुरु से यह एक प्रकार का
शाप ही प्राप्त हुआ। गुरु ने यह नहीं सोचा कि एकलव्य से अंगूठा माँगकर वे इतिहास में व्यवस्था की
दासता और अन्याय के प्रतीक बन जाएंगे। उन्होंने न केवल एकलव्य की सतत साधना विनष्ट कर दी,
बल्कि विश्व को एक महान धनुर्धर से भी वंचित कर दिया।
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I don't knowwwuudidudjdusjwijf
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गद्य आकलन परिच्छेद मे पडळकर ऐसे पाच प्रश्न तयार किजिए उत्तर परिच्छेद एक एक वाक्य मे हो
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