गद्य और पद्य के बीच की विधा को क्या कहते हैं
Answers
Answered by
0
गद्य और पद्य के बीच की विधा चंपू कहतें है।
Explanation:
- गद्य की पद्यमय शैली को चम्पू कहा जाता है।
- यूँ तो गद्य पद्यमय शैली का प्रयोग वैदिक साहित्य जैसे अति प्राचीन साहित्य में मिलता परन्तु चम्पूकाव्य परंपरा का प्रारम्भ हमें अथर्व वेद से प्राप्त होता है.
- चंपू काव्य का प्रथम निदर्शन त्रिविक्रम भट्ट का नलचंपू है जिसमें चंपू काव्य का बहुत ही उत्कृष उल्लेख किआ गया हैं।
गद्य एवं पद्य के बीच अंतर के लिए क्लिक करें।
https://brainly.in/question/2707477
Answered by
0
Answer:
गद्य और पद्य के बीच की विधा को "चम्पू" कहते हैं। चम्पू काव्य 'गद्य' और 'पद्य' की मिश्रित काव्य होती हैं।
Explanation:
गद्य और पद्य के बीच की विधा को "चम्पू" कहते हैं।
अर्थात गद्य-पद्य के मिश्रित् काव्य को चम्पू कहते हैं। गद्य तथा पद्य मिश्रित काव्य को "चंपू" कहते हैं। चम्पूकाव्य परंपरा का प्रारम्भ हमें अथर्व वेद से प्राप्त होता है। त्रिविक्रम भट्ट द्वारा रचित 'नलचम्पू', जो दसवीं सदी के प्रारम्भ की रचना है, चम्पू का प्रसिद्ध उदाहरण है। हिन्दी में यशोधरा (मैथिलीशरण गुप्त) को चम्पू-काव्य कहा जाता है, क्योंकि उसमें गद्य-पद्य दोनों का प्रयोग हुआ है।
Similar questions