Hindi, asked by dakshgarg2808, 1 month ago

गद्यांश-1 जब कोयल को यह आश्वासन मिला कि पेड़ों के काटने पर रोक लगा दी जाएगी तथा संसार को और हरा-भरा बनाया जाएगा तब कोयल ने कहा, "मैं कहाँ जन्मी, पली और बड़ी हुई; मुझे कुछ पता नहीं। संगीत के प्रति लगन मुझे स्वयं भगवान ने दी। मुझे नहीं पता कि मैं काली हूँ या गोरी । मैं तो बस साधना करती हूँ और साधक को अपने प्रचार के लालच में नहीं पड़ना चाहिए, नहीं तो साधना कभी पूरी नहीं होती। न मुझे एकेडमी की चाह है और न रिकॉर्ड बनवाने की, न पैसे की और न ख्याति की! मेरी साधना से यदि किसी को सुख मिले या उसमें स्वयं अपनी साधना के प्रति लगन उत्पन्न हो तो मैं समझूगी कि मेरी साधना सफल हुई। प्रश्न 2. कोयल ने अपने परिचय में क्या कहा? उत्तर​

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Answered by king7429
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Answer:

तू कोयलों के बीच बैठकर स्वयं पर क्यों गर्व करता है। वंश के स्वभाव से तुम्हारे बोलते ही पहचान हो जाएगी कि तुम मृदुभाषी कोयल नहीं, कौए हो। तुम्हारी वाणी तीखी, कर्ण कटु है जबकि जिनके बीच तुम बैठे हो वे कोयल पंचम स्वर में बड़ी मधुर ध्वनि करती हैं जिसकी प्रशंसा बड़े-बड़े कवियों ने की है।

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