Hindi, asked by muskan10453, 1 month ago

(गठरी में लागा चोर मुसाफिर जाग जरा) इस पंक्ति से क्या मतलब है?​

Answers

Answered by VivaciousDork
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इसमें गूढ़ार्थ है। कबीर साहित्य में निष्णात और कबीर के अध्येता इसके गूढ़ार्थ को स्पष्ट कर सकते हैं। मैं तो इतना ही सोच पाया कि कबीर जीवन यात्रा पर चल रहे सामान्यजन को चेता रहे हैं कि जिन्होंने अपने सत्कर्मों से पुण्य कमाया है और पुण्य की गठरी लिए हैं, ऐसे मुसाफिर सावधान हो जाएं- इनकी पुण्य की गठरी पर चोरों की न•ार है। वे गठरी चुराना चाहते हैं। हो सकता है सत्कर्मियों की पुण्य की गठरी चुराकर अपने हिस्से में जोडऩा चाहते हों या उनके पुण्य को ये चोर अपने 'खातेÓ में दर्ज करना चाहते हों उनका मकसद क्या है, यह तो वे ही जानें लेकिन उनकी नीयत साफ नहीं है। वे आमजन की खुशहाली छीन कर उन्हें पुन: दीन-हीन रखकर परआश्रित बनाना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि उनके सत्कर्मों की गठरी उनके पास न रहे। वे हमेशा दुखी बने रहें, हमेशा ही जगत पीड़ा भोगते रहें और दूसरे लोग उनके पुण्य को चुरा कर आनन्द करें और इस तरह वचिंत कर दिए गए लोगों को 'कर्म करतेÓ रहने का उपदेश देते रहें....

Answered by Anonymous
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Explanation:

A darkened border, called the cell pointer, identifies it. b) Name Row is the answer to your question!!

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