२. गदय आकलन प्रश्न निर्मिति : निम्नलिखित परिच्छेद पढ़कर ऐसे पाँच प्रश्न तैयार किजिए जिनके उत्तर परिच्छेद में एक-एक वाक्य में हो।
- आज के युग में विदयार्थी उस प्रकार अपने गुरु का सान्निध्य नहीं पाता, स्नेह तथा वात्सल्य नहीं पाता जैसा प्राचीन काल में पाता था और निर्देश देने के लिए भी गुरु के पास कुछ नहीं है। आज की स्थिति सुखद नहीं है। हमारे विद्यार्थी कहाँ जाऐंगे, क्या करेंगे – हम नहीं जानते। अध्यापकों ने, जो बन सका आपको योग्यता दीं। आप अपना कर्मक्षेत्र बना सकते हैं लेकिन एक बात आज भी हम देंगे। वह जो यज्ञ की ज्वाला हुआ करती थी, उसके प्रतीक रूप में आपके हृदय में वह ज्वाला जगा देना चाहते हैं जो जीवन की होती है, जो वास्तव में जीवन को गढती है, नया जीवन देती है। वह ज्ञान की ज्वाला हम अपनी समस्त शुभकामनाओं के साथ आज भी आपको दे सकते हैं। हमारा अत्यंत प्राचीन देश है और हमाराी संस्कृति भी अत्यंत प्राचीन है।प्राचीन संस्कृति वाले देशों के सामने समस्याएँ कुछ दूसरी हुआ करती हैं। जिनकी संभव्यता कुछ ही युगों की हैं, कुछ ही वर्षों की है, नवीन है, उनके पास बहुत कुछ खाने बदलने को नहीं हैं और खाने बदलने से उनकी कुछ हानि भी नहीं होती।
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दिए गए परिच्छेद को पढ़कर पांच प्रश्न इस प्रकार तैयार किए गए हैं जिनके उत्तर एक वाक्य में हैं।
प्रश्न 1. आज के युग में विद्यार्थी प्राचीन काल की तरह क्या नहीं पाता ?
उत्तर - आज के युग में विदयार्थी उस प्रकार अपने गुरु का सान्निध्य नहीं पाता, स्नेह तथा वात्सल्य नहीं पाता जैसा प्राचीन काल में पाता था ।
प्रश्न 2. गुरु के पास क्या नहीं है ?
उत्तर - गुरु के पास उपदेश देने के लिए कुछ नहीं है
प्रश्न 3.. आज की स्थिति कैसी है?
उत्तर - आज की स्थिति सुखद नहीं है।
प्रश्न 4.हम अपनी समस्त शुभकामनाओं के साथ आपको क्या दे सकते हैं ?
उत्तर - हम अपनी समस्त शुभकामनाओं के साथ आपको ज्ञान की ज्वाला से सकते हैं।
प्रश्न 5 . हमारा देश व संस्कृति कैसी है ?
उत्तर - हमारा देश व संस्कृति अत्यंत प्राचीन है।
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