Hindi, asked by aanu34530, 1 month ago


गध भाग को पढकर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :-
गाँधीजी और भगत सिंह लोक-जीवन को कुंजी किस तत्व की मानते थे इसका समाधान करने की
स्थिति यहाँ नही है। यहाँ तो इस संबंध में मैं इतना ही कह सकता हूँ कि भगत सिंह लोक-मानस में अपने
अनुकूल वातावरण को अपने प्रयत्नों से निर्माण करने में दक्ष थे और गाँधीजी सामाजिक परिस्थितियों से
स्वयं उत्पन्न वातावरण को अपने अनुकूल उपयोग करने में बेजोड थे।
लोक मानस में भाव होते हैं, पर भाषा नहीं होती। जो व्यक्ति भाव को भाषा देता है, लोक-जीवन में
उसे ही अपना नेता, अपना कर्णधार अपना आदर्श मानने की स्वेच्छा उत्पन्न हो जाती है। यह मेरी कुंजी का
पूर्वार्द यह है। उत्तरार्द यह है कि लोक के मानस में आकांक्षा होती है, पर उस आकांक्षा को पूर्ण करने के
प्रयत्नों की योजना नहीं होती। जो उसे योजना देता है, उस योजना पर चलने की प्रेरणा देता है, चलाता है
और लक्ष्य पर पहुँचने से पहले रूकने, थकने नहीं देता, वही उसका आराध्य नेता और आदर्श पुरूष हो
जाता है।
इसी पृष्ठभूमि में मैं कहना चाहता हूँ कि लोक-जीवन का बल अपने शौर्य, पराक्रम या त्याग-
बलिदान से प्रदीप्त व्यक्तियों का आदर्श है, वह जीवित रूप में हो, साहित्य, इतिहास के रूप में बस एक ही
प्रश्न और-लोक की सर्वोत्तम, सर्वोच्च आकांक्षा क्या है? मेरा अनुभव कहता है कि लोक की मूल जीवन-
वृत्ति है आनंद पनपता है शांति में और शांति की लता पुष्पित होती है स्थिरता में । तो शांत जीवन ही लोक
की सर्वोत्तम, सर्वोच्च आकांक्षा है।
प्रश्न :-
१. भगत सिंह की क्या विशेषता थी?
२. महात्मा गाँधी किस में बेजोड थे?
३. भगत सिंह और महात्मा गाँधी में क्या अंतर था?
४. लोक-जीवन किसे अपना आराध्य नेता और आदर्श पुरूष मानता है?
५. लोक की मूल जीवन-वृत्ति क्या है? यह कैसे पनपती है?

Answers

Answered by rabiamubeen03
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Answer:

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