Hindi, asked by gogamer3603, 10 months ago

गवरइया और गवरे की बहस के तर्को को एकत्र करें और उन्हें संवाद के रूप में लिखें।

Answers

Answered by bhatiamona
138

Answer:

गवरइया :- “आदमी को देखते हो? कैसे रंग − बिरंगे कपड़े पहनते हैं। कितना फबता है उन पर कपड़ा।”

गवरा :- “खाक फबता है। कपड़ा पहन लेने के बाद तो आदमी और बदसूरत लगने लगता है।”

गवरइया :- “लगता है आज लटजीरा चुग गए हो?”

गवरइया :- “कपड़े केवल अच्छा लगने के लिए नहीं मौसम की मार से बचने के लिए भी पहनता है आदमी।”

गवरा :- “तू समझती नहीं। कपड़े पहन − पहन कर जाड़ा−गरमी−बरसात सहने की उनकी सकत भी जाती रही है और कपड़ा पहनते ही पहनने वाले की औकात पता चल जाता है।”

गवरइया :- “फिर भी आदमी कपड़ा पहनने से बाज़ नहीं आता। नित नए – नए लिबास सिलवाता रहता है।”

गवरा :– “यह निरा पोंगापन है। अपन तो नंगे ही भले।”

गवरइया :- “उनके सिर पर टोपी कितनी अच्छी लगती है। मेरा भी मन टोपी पहनने का करता है।”

गवरा :- “टोपी तू पाएगी कहाँ से। टोपी तो आदमियों का राजा पहनता है। मेरी मान तो तू इस चक्कर में पड़ ही मत”।

Answered by KrystaCort
24

दिए गए तर्कों के आधार पर एक संवाद निम्नलिखित रुप में लिखा जा सकता है |

Explanation:

गवरइया और गवरे की बहस तीन तर्कों पर हुई। पहला आदमी के कपड़े पहनने पर दूसरों गवरइया की टोपी पहनने की इच्छा व्यक्त करने पर और तीसरे गवरइया के रुई का फाहा मिलने पर।

दिए गए तर्कों के आधार पर एक संवाद निम्नलिखित रुप में लिखा जा सकता है:

गवरइया : देखो ना यह आदमी रंग रंग के कपड़ों में कितना सुंदर दिख रहा है।

गवरे: भला यह भी कोई सुंदरता है इसने अपनी प्राकृतिक सुंदरता को तो ढक लिया है।

गवरइया : लेकिन कपड़े आदमी को बदलते मौसम से बचाने में सहायक होते हैं।

गवरे: हां कपड़े पहन लेने से वे मौसम से तो बच सकते हैं लेकिन साथ ही उनके कपड़ों से उनकी हैसियत भी झलकती है।

गवरइया : जो भी हो मुझे तो मनुष्य के कपड़ों में सबसे ज्यादा अच्छी उनकी टोपी लगती है।

गवरे: टोपी? टोपी बहुत मुसीबतों से भरी होती है क्योंकि एक टोपी के दम पर ही बड़े-बड़े साम्राज्य के राजा बदल जाते हैं। हां यह भी जरूर है कि टोपी मनुष्य की इज्जत का प्रतीक है लेकिन साथ ही अपने जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए एक व्यक्ति ना जाने कितने लोगों को टोपी पहन आता है अर्थात न जाने कितने लोगों को मूर्ख बनाता है।

गवरइया : देखो मुझे एक रुई का फाहा मिला।

गवरे: तो अब तुम क्या करोगी?

गवरइया : अब मैं इस रुई के बाहर से अपनी एक सुंदर टोपी बनवाऊंगी।

गवरे: तुम पागल हो गई हो क्या? जानती भी हो रही से टोपी बनाने का सफर कितना लंबा है?

गवरइया: चाहे कितना भी लंबा क्यों ना हो इस बार तो मैं टोपी बनवाकर ही दम लूंगी।

और अधिक जानें:

Samvad Lekhan in hindi

brainly.in/question/771964

Similar questions