(घ) हालदार साहब किससे क्या पूछना चाहते थे और कौन इस बारे में बात नहीं करना चाहते थे?
(ङ) नेताजी का एक नारा लिखिए
प्रश्न2 -निम्न वाक्यांश को पटका के
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. हवलदार साहब मूर्ति पर सरकंडे के चश्मे को देखकर पहले मायूस हो गए थे। उन्हें लगा होगा कि लोगों में अपने नायकों के लिए जरा सी भी इज्जत नहीं बची है।
Answer:
. नेताजी अपनी आजाद हिंद फौज के साथ जुलाई को बर्मा पहुँचे। यहीं पर उन्होंने अपना प्रसिद्ध नारा, तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा दिया। खून भी एक दो बूँद नहीं इतना कि खून का एक महासागर तैयार हो जाये और उसमें में ब्रिटिश साम्राज्य को डूबो दूं।
Explanation:
ᴘʟᴇᴀsᴇ ᴍᴀʀᴋ ᴀs ʙʀᴀɪɴʟɪᴇsᴛ ᴘʟᴇᴀsᴇ
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