(घ) निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए। एक तू है देखकर कुछ शूल ही पथ पर अभी से, है लुटा बैठा हृदय का धैर्य, साहस, बल मुसाफ़िर! भाषा आधारित प्रश्न. please someone give the answer please
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Explanation:वह मुसाफिर क्या जिसे कुछ शूल ही पथ के थका दें?
हौसला वह क्या जिसे कुछ मुश्किलें पीछे हटा दें?
वह प्रगति भी क्या जिसे कुछ रंगिनी कलियाँ तितलियाँ,
मुस्कुराकर गुनगुनाकर ध्येय-पथ, मंजिल भुला दें?
जिन्दगी की राह पर केवल वही पंथी सफल है,
आँधियों में, बिजलियों में जो रहे अविचल मुसाफिर!
पंथ पर चलना तुझे तो मुस्कुराकर चल मुसाफिर॥
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