Hindi, asked by alisohil134, 3 months ago

घाटे के परिभाषा दीजिए और उसके प्रकार​

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Answered by anjali5087
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Answer:

जब बजट आता है तो आप उसमें कई तरह के घाटे के बारे में सुनते हैं. जब सरकार को किसी वित्त वर्ष में आमदनी कम हो और उसका खर्च अधिक हो तो इसे घाटा कहते हैं. इन्‍हें समझना बहुत आसान है. इन सभी में बुनियादी बात एक ही होती है. वह है कि खर्च का कमाई से ज्‍यादा होना. यहां हम सरकार के बजट में अलग-अलग तरह के घाटों के बारे में बता रहे हैं.

  • राजस्‍व घाटा का मतलब क्या है?

राजस्व घाटा तब होता है जब सरकार के कुल खर्च उसकी अनुमानित आय से ज्‍यादा होते हैं. सरकार के राजस्व खर्च और राजस्व प्राप्तियों के बीच के अंतर को राजस्व घाटा कहा जाता है. यहां ध्‍यान रखने वाली बात यह है कि खर्च और आमदनी केवल राजस्‍व के संदर्भ में होती है.रेवेन्‍यू डेफिसिट या राजस्‍व घाटा दिखाता है कि सरकार के पास सरकारी विभागों को सामान्‍य तरीके से चलाने के लिए पर्याप्‍त राजस्‍व नहीं है. दूसरे शब्‍दों में कहें तो जब सरकार कमाई से ज्‍यादा खर्च करना शुरू कर देती है तो नतीजा राजस्‍व घाटा होता है. राजस्‍व घाटे को अच्‍छा नहीं माना जाता है. खर्च और कमाई के इस अंतर को पूरा करने के लिए सरकार को उधार लेना पड़ता है या फिर वह विनिवेश का रास्‍ता अपनाती है.रेवेन्‍यू डेफिसिट के मामले में अक्‍सर सरकार अपने खर्चों को घटाने की कोशिश करती है या फिर वह टैक्‍स को बढ़ाती है. आमदनी बढ़ाने के लिए वह नए टैक्‍सों को ला भी सकती है या फिर ज्‍यादा कमाने वालों पर टैक्‍स का बोझ बढ़ा सकती है.

  • राजकोषीय घाटा क्या है?

यह सरकार के कुल खर्च और उधारी को छोड़ कुल कमाई के बीच का अंतर होता है. दूसरे शब्‍दों में कहें तो राजकोषीय घाटा बताता है कि सरकार को अपने खर्चों को पूरा करने के लिए कितने पैसों की जरूरत है. ज्‍यादा राजकोषीय घाटे का मतलब यह हुआ कि सरकार को ज्‍यादा उधारी की जरूरत पड़ेगी. राजकोषीय घाटे का आसान शब्‍दों में मतलब यह है कि सरकार को अपने खर्चों को पूरा करने के लिए कितना उधार लेने की जरूरत पड़ेगी.राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए तमाम उपाय किए जा सकते हैं. सब्सिडी के रूप में सार्वजनिक खर्च को घटाना, बोनस, एलटीसी, लीव एनकैशमेंट इत्‍याद‍ि को घटाना शामिल हैं.

  • प्राथमिक घाटा क्या है?

चालू वित्‍त वर्ष के राजकोषीय घाटे से पिछली उधारी के ब्‍याज को घटाने पर प्राथमिक घाटा मिलता है. जहां राजकोषीय घाटे में ब्‍याज भुगतान सहित सरकार की कुल उधारी शामिल होती है. वहीं, प्राथमिक घाटे यानी प्राइमरी डेफिसिट में ब्‍याज के भुगतान को शामिल नहीं किया जाता है.प्राइमरी डेफिसिट का मतलब यह हुआ कि सरकार को ब्‍याज के भुगतान को हटाकर खर्चों को पूरा करने के लिए कितने उधार की जरूरत है. जीरो प्राइमरी डेफिसिट ब्‍याज के भुगतान के लिए उधारी की जरूरत को दिखाता है.ज्‍यादा प्राइमरी डेफिसिट चालू वित्‍त वर्ष में नई उधारी की जरूरत को दर्शाता है. चूंकि यह पहले से ही उधारी के ऊपर की रकम होती है. इसलिए इसे घटाने के लिए वही उपाय करने होंगे जो राजकोषीय घाटे के मामले में लागू होते हैं

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Answered by deepikapatel9669
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Explanation:

घटा तीन प्रकार का होता है राजस्व घाटा राजकोषीय घाटा और प्राथमिक घाटा राजस्व घाटा तब होता है जब कुल खर्च अनुमानित आय से ज्यादा हो

राजकोषीय घाटा कुल खर्च और उधारी को छोड़कर कुल कमाई के बीच का अंतर होता है दूसरे शब्दों में कहीं तो राजकोषीय घाटा बताता है कि सरकार को अपने खर्चों को पूरा करने के लिए कितने पैसों की जरूरत है

चालू वित्त वर्ष की राजकोषीय घाटे से पिछली उधारी के ब्याज को घटाने पर प्राथमिक घाटा मिलता है

आशा है आपको कुछ मदद मिलेगी

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