घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाना एक नैतिक कर्तव्य है एक ऐसे ही कर्तव्य का वर्णन कीजिए जिसका पालन आपने किया है
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logonko madat ki hain
Jaise ki
Ek dadiji ko rasta cross karne mai madat karwai
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घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाना एक नैतिक कर्तव्य है , ऐसे ही कर्तव्य का वर्णन निम्न प्रकार से किया गया है।
- घटना पिछले वर्ष की है। मै अपनी सहेली मेघा के साथ कॉलेज जा रही थी। हम दोनों उस दिन रिक्शा से जा रहे थे , वैसे हम एक्टिवा से कॉलेज जाते है , उस दिन एक्टिवा में पेट्रोल नहीं था तो हमने कॉलेज जाने के लिए रिक्शा पकड़ी।
- जब हम आधा रास्ता तय कर चुके थे तो हमने देखा कि सड़क के बीच में सब लोग इकट्ठे हो गए है, जिससे ट्रैफिक भी बहुत बढ़ गई थी।
- हमें भी कॉलेज के लिए देर हो रही थी, इसलिए मैंने नीचे उतर कर देखा जहां पर सभी लोग जमा थे , वहां गई तो मेरे मुंह से चीख निकल गई, ये हमारे फ्लोर पर ही बाजू के फ्लैट में रहने वाले मेहरा अंकल थे। उनके स्कूटर का ट्रक से टकराने से ऐक्सिडेंट हुआ था, उनके सर पर बहुत चोट लगी थी, बहुत खून बह चुका था, वे बेहोश हो गए ।
- मैंने लोगो की मदद से मेहरा अंकल को अपनी रिक्शा में बिठाया व रिक्शा वाले से कहा कि जल्दी से पास ही के क्रिटी केयर अस्पताल ले चले।
- रिक्शा वाले ने भी समय न गंवाते हुए अपनी रिक्शा अस्पताल की ओर दौड़ाई । रिक्शा वाले अंकल के उस अस्पताल में कुछ पहचान वाले थे तो उन्होंने पहले ही उन्हें ऐक्सिडेंट के बारे में बताया , वे लोग पहले ही हमारी मदद के लिए खड़े थे जल्दी से स्ट्रेचर लाया गया और अंकल को एडमिट करने की औपचारिकताएं निभाई गई।
- अंकल की पहचान वाली मै ही थी तो फैमिली मेंबर की जगह फार्म पर मैंने ही हस्ताक्षर किए।
- डॉक्टर्स ने उनका इलाज शुरू किया , डॉक्टर ने कहा कि समय रहते उन्हें एडमिट कराया गया तो उनकी जान बच गई।
- उन्हें खून भी चढ़ाया गया , इतने में उनकी पत्नी व अन्य घर वाले पहुंच गए व सभी ने मेरा बहुत शुक्रिया अदा किया , इनकी पत्नी तो हाथ जोड़े खड़ी रही व रोती रही। मैंने उन्हें संभाला व पानी पिलाया , उन्हें कहा कि घबराने कि जरूरत नहीं क्योंकि अब मेहरा अंकल खतरे से बाहर थे।
- इस प्रकार मैंने एक अच्छे नागरिक व अच्छे पड़ोसी का कर्तव्य निभाया ।
#SPJ2
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